PATNA: बिहार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह पटना एम्स में इलाजरत हैं। कोरोना से संक्रमित होने के बाद 27 अप्रैल को उन्हें पटना एम्स में एडमिट कराया गया था। कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद एम्स में भर्ती नरेंद्र सिंह बिहार में फैलते कोरोना संक्रमण को लेकर काफी चिंतित है। इस महामारी से हो रही मौतों पर चिंता जताते हुए नरेंद्र सिंह ने सरकार को कई सलाह दिये। कोरोना से बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए नरेंद्र सिंह ने अस्पताल में बेड बढ़ाने, जीवनरक्षक दवाओं का इंतजाम करने, बंद पड़े वेंटिलेटर को चालू करने, तकनीशियन को बहाल करने, पटना सहित राज्य के बड़े शहरों के निजी अस्पतालों में भी कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था कराने की बात कही।
कोरोना की दूसरी लहर से आम जनता को बचाने के लिए बिहार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, वरीय अधिकारियों, जिलों के प्रमुख चिकित्सकों से फोन और पत्र के जरिए बातें की और इस दौरान कई सुझाव भी दिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नरेंद्र सिंह के बातों को गंभीरता से लिया जिसके बाद अपेक्षित कार्रवाई की जा रही है। कोरोना संकट की इस घड़ी में नरेंद्र सिंह सोशल मीडिया के जरीये अपनी बातें रखते आ रहे हैं। इस दौरान वे स्वास्थ्य विभाग एवं विभागीय मंत्री से भी बाते करते रहे हैं।
बिहार के पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह का कहना है कि जमुई में कोरोना की जांच एवं इलाज की व्यवस्था में सुधार होता है तो इसमें सबके प्रयास का मूल्यांकन होना चाहिये? सुधार का सेहरा किसी एक को नहीं दिया जा सकता। नरेंद्र सिंह ने कहा कि ऐसे वक्त में किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। वही इस मुश्किल वक्त में जनता के हित में जमुई विधायिका के प्रयास की उन्होंने सराहना की।
बंगाल चुनाव पर नरेंद्र सिंह ने बताया कि उनकी भविष्यवाणी सही साबित हुई है। उन्होंने कहा था कि बंगाल में ममता बनर्जी की ही सरकार बनेगी। नरेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि इस मुश्किल घड़ी में खुद को बचाने और आमलोगों को बचाने की पहल होनी चाहिए। यह वक्त सतर्कता बरतने का है और इसे लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। ऐसे समय में राजनीति नहीं होनी चाहिए। वक्त आने पर राजनीति भी होगी। नरेंद्र सिंह ने कहा कि "तेज आंधी देर तक नहीं टिकती" "लुक और लक टिकाऊ नहीं होते" "काम का मूल्यांकन होना चाहिए"