PATNA : एक सप्ताह बाद 7 सितंबर को केंद्र सरकार और बिहार सरकार के दफ्तर समेत सरकारी कॉलेज और प्राइवेट स्कूलों में जन्माष्टमी छुट्टी रहेगी लेकिन बिहार के सारे सरकारी स्कूल खुले रहेंगे। अब बिहार के सरकारी स्कूलों में रक्षाबंधन, तीज और जीउतिया के मौके पर भी छुट्टी नहीं होगी। महासप्तमी पर जब सारे सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे तब भी सरकारी स्कूल खुले रहेंगे। यह आदेश बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने जारी किया है। जिसके बाद अब इसको लेकर बिहार की सियासत गर्म हो गई है। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने जोरदार हमला बोला है। सुशील मोदी ने कहा कि - शिक्षा विभाग के सचिव में बिहार की छवि को खराब कर रहे हैं।
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि,आखिर रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, जिउतिया को क्यों रद्द किया गया है। मोहम्मद साहब के जन्मदिन और चेहल्लुम की छुट्टियां पहले की तरह ही हैं और वह रहनी भी चाहिए। मैं उसके पक्ष में हूं की मोहम्मद साहब के जन्मदिन और चेहल्लुम की छुट्टियां बरकाकर रखी गई है। लेकिन, छठ पूजा दुर्गा पूजा और जन्माष्टमी क्यों रद्द की गई। हिंदू पर्व की छुट्टियां को रद्द कर देना कौन सी मानसिकता को दर्शाता है?
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने ऐसे इंसान को शिक्षा विभाग का प्रधान सचिव बना रखा है जो इसी प्रकार की उटपटांग हरकतों से बिहार की छवि को खराब करने में लगे हुए हैं। मैं नीतीश कुमार से निवेदन करूंगा कि जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी इसे वापस कर सकें। ताकि बिहार की छवि देश में खराब न हो सकें।
वहीं, सुशील मोदी ने कहा कि जेडीयू के शिक्षा के अधिकार अधिनियम की बात कर रहे हैं तो उसके अनुसार धारा 27 में यह कहा गया है कि टीचिंग के आलावा अन्य किसी काम में शिक्षकों को नहीं लगाया जाएगा। दो महीना जातीय सर्वेक्षण का काम चला तो सारे स्कूल बंद पड़े थे। मिड डे मील हो या मतदाता सूची का जांच करना हो यह सारे काम टीचर द्वारा ही करवाए जाते हैं। इसलिए यदि टीचरों को टीचिंग काम में ही लगाया जाए तो उनके छुट्टियों में कटौती करने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी।