पथ निर्माण मंत्री ने बिहार के इंजीनियरों और ठेकेदारों को चेताया, कहा-किसी भी स्थिति में कार्य में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी

पथ निर्माण मंत्री ने बिहार के इंजीनियरों और ठेकेदारों को चेताया, कहा-किसी भी स्थिति में कार्य में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी

PATNA: बिहार के उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विभागीय पदाधिकारियों के साथ बैठक की। राज्य उच्च पथ एवं वृहत जिला पथ के अनुरक्षण को प्राथमिकता देने का निर्देश उन्होंने पदाधिकारियों को दिया। इस दौरान उन्होंने बिहार के इंजीनियरों और ठेकेदारों को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में कार्य में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।


पथ निर्माण विभाग के अन्तर्गत निर्मित पथों के बेहतर रख-रखाव के लिए एक व्यवस्था पूर्व से स्थापित है, जिसके संबंध में अभियंता प्रमुख एवं सभी मुख्य अभियंताओं द्वारा उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री के समक्ष एक प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया गया। प्रस्तुतीकरण में अभियंताओं ने यह जानकरी उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा को दी। जिसके बाद मंत्री ने अनुरक्षण के अंतर्गत चयनित पथों का स्थलीय निरीक्षण कनीय अभियंता को सप्ताह में कम से कम एक बार करने, सहायक अभियंता को 15 दिनों में एक बार करने और कार्यपालक अभियंता को महीने में एक बार एवं अधीक्षण अभियंता को क्षेत्राधीन पथांश के एक तिहाई भाग का निरीक्षण करने को कहा।


उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय सिन्हा ने विभागीय पदाधिकारियों को निर्देशित किया। कहा कि निर्धारित निरीक्षण सभी पदाधिकारियों द्वारा किया जा रहा है अथवा नहीं, इसकी नियमित समीक्षा की जाय। प्रत्येक माह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पाँच कनीय अभियंता, पाँच सहायक अभियंता एवं पाँच कार्यपालक अभियंता को डिजिटल माध्यम से पुरष्कृत किया जायेगा साथ ही कार्य प्रति उदासीन अभियंताओं की पहचान कर नियमानुसार अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी।


मंत्री विजय सिन्हा ने विभागीय पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक स्तर के अभियंतओं के स्थलीय निरीक्षण की जानकारी राज्य के आमजन मानस को 15 अगस्त को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाये, ताकि आमजन भी अपने आस-पास के पथों की कोई समस्या विभाग स्तर पर ऑनलाइन सूचित कर सके। 


उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री द्वारा स्पष्ट शब्दों में सभी मुख्य अभियंताओं को निदेशित किया गया है कि वर्तमान समय में वर्षा के कारण पथों के क्षतिग्रस्त होने या आवागमन बाधित होने की संभावना ज्यादा रहती है। अपने क्षेत्र के अंतर्गत ऐसी समस्या उत्पन्न न हो इसे सुनिश्चित करेंगे। उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री द्वारा स्पष्ट शब्दों में निदेश दिया गया कि बारिश के मौसम में पथ संधारण में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। 


पथ निर्माण विभाग के अंतर्गत पथों को ग्यारह अंचल एवं 48 प्रमण्डलों में बाँटा गया है। समीक्षा में पदाधिकारियों द्वारा उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री को अवगत कराया गया की वर्तमान में अनुरक्षण की यह व्यवस्था 44 प्रमण्डलों में लागू है। शेष 4 प्रमण्डलों में भी अनुरक्षण की इस व्यवस्था को लागू करने के संबंध में नियमानुसार कार्रवाई का निदेश उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री द्वारा दिया गया।


उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री द्वारा यह आशा व्यक्त की गई है कि 15 अगस्त से आमजन मानस अपने आस-पास के पथों के त्वरित संधारण हेतु विभाग को ऑनलाइन भी सूचित कर सकेंगे । जिससे पथों का त्वरित गति से संधारण संभव हो सकेगा। सभी अभियंताओं और संवेदकों को मेरा स्पष्ट संदेश है कि किसी भी स्थिति में कार्य में कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।