PATNA : नई पर्यटन नीति में टूरिस्ट सर्किट को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग तैयारी में जुटा है. पर्यटन विभाग टूरिस्ट को बढ़ावा देने के लिए फोरलेन सड़कों के किनारे लग्जरी ढाबा बनाने की तैयारी में है. ऐसे ढाबा में रहने के लिए कमरे भी होंगे और उसमें सारी सुख-सुविधाएं भी होंगी. सबसे बड़ी बात यह है कि जमीन मालिक खुद ढाबे का निर्माण कर सकते हैं और सरकार इसके लिए 60 फिसदी सब्सिडी देगी.
पर्यटन विभाग के मंत्री जीवेश कुमार ने सरकार की नई पर्यटन नीति को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रुप रेखा तैयार की गई. नई नीति के तरह बिहार के जमीन मालिकों को सरकार 60 फिसदी और बिहार के बाहर के जमीन मालिकों के लिए 40 फिसदी तक की सब्सिडी दी जाएगी. नई नीति के अंतर्गत पुराने ढाबा मालिकों को भी इससे फायदा होगा. पर्यटन विभाग के मापदंडों पर अगर पुराने ढाबे फिट बैठते हैं तो उसे विभाग नये रूप में लाने के लिए 25 लाख तक की मदद मिल सकती है.नई नीति में फोरलेन पर हर 30 किमी की दूरी पर ऐसे ढाबे बनाने का लक्ष्य है.
सरकार से सब्सिडी लेने के लिए पहला शर्त यह होगा कि आप जमीन मालिक हैं. दूसरी यह कि फोरलेन के किनारे कम से कम एक एकड़ जमीन हो. बिहार में टूरिस्ट सर्किट के तहत बौद्ध सर्किट, महात्मा गांधी सर्किट, कांवरिया पर्यटकों का शिवशक्ति सर्किट, रामायण सर्किट जैन सर्किट, भितिहरवा आश्रम, वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व, शेरशाह का मकबरा, राजगीर के घोड़ा-कटोरा आता है. इन सब को जोड़ने वाली सड़को पर लग्जरी ढाबा बनाया जा सकता है.