Bihar Crime News: पार्टी में गए प्रॉपर्टी डीलर की गोली मारकर हत्या, बिहार के BJP नेता पर मर्डर करने का आरोप भ्रष्ट और लापरवाह अधिकारियों पर गिरेगी गाज, नीतीश सरकार के निशाने पर ये अधिकारी कल का दिन ऐतिहासिक: बिहार में पहली बार होने जा रहा एयर शो, आसमान में अद्भुत नजारा देखेंगे लोग KKRvsGT: 8 पारियों में 5 अर्धशतक, अब ऑरेंज कैप पर कब्ज़ा, गुजरात टाइटन्स के इस बल्लेबाज के मुरीद हुए क्रिकेट फैंस Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों का तांडव जारी, लूट में असफल होने के बाद पेट्रोल पंप कर्मी पर चलाई गोली वीर कुंवर सिंह की तस्वीर और तिरंगे के साथ पाराजंपर्स करेंगे आसमान में जंप, शौर्य दिवस पर पटना में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम Bihar News: दियारा का दुर्दांत अपराधी गिरफ्तार, इस जिले के मंदिर से पुलिस ने फ़िल्मी अंदाज में दबोचा Bihar Crime: कुख्यात अपराधी बबुआ डॉन गिरफ्तार, 3 जिलों की पुलिस को लंबे समय से थी तलाश सच्चाई सामने आने के बाद तेजस्वी पर हमलावर हुई जेडीयू, अपराधी की कोई जात नहीं होती: नीरज कुमार Bihar News: बूढ़ी गंडक नदी में डूबने से दो लोगों की मौत, स्नान करने के दौरान हुआ हादसा
1st Bihar Published by: Updated Tue, 15 Jun 2021 01:00:02 PM IST
- फ़ोटो
DELHI : लोक जनशक्ति पार्टी में कब्जे को लेकर जारी सियासत के बीच आज पशुपति पारस कैंप की महत्वपूर्ण बैठक की दिल्ली में होने जा रही है। इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारी शामिल होंगे। चिराग पासवान के खिलाफ जाने वाले सभी पांच सांसद भी बैठक में मौजूद रहेंगे। दरअसल इस बैठक का मकसद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को बुलाना है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पारस खेमे की तरफ से पटना में बुलाई जानी है और इसे बुलाने का फैसला पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के कंधों पर दी जाएगी।
पारस कैंप से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूरजभान सिंह इस बैठक में शामिल हो सकते हैं। सूरज भान सिंह कोई जिम्मेदारी दी जाएगी कि वह राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कब और कहां होगी इसको लेकर आज तस्वीर साफ हो जाएगी। दरअसल पारस खेमा या नहीं चाहता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर मौजूदा विवाद के बीच उनका पक्ष कमजोर हो चुकी विवाद राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर है इसलिए राष्ट्रीय अध्यक्ष की बजाय अब राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाएं।
एलजेपी संसदीय दल पर कब्जे के बाद पशुपति कुमार पारस पार्टी के ऊपर अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए आगे बढ़ने वाले हैं। भतीजे चिराग पासवान का तख्तापलट उन्होंने लोकसभा में कर दिया है और अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर भी अपना कब्जा चाहते हैं। हालांकि एलजेपी के सांसदों ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया है लेकिन इसके बावजूद लोक जनशक्ति पार्टी के संविधान के मुताबिक उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मुहर लगवानी होगी। पशुपति कुमार पारस जल्द ही एलजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाने वाले हैं। उनके करीबी सूत्रों के मुताबिक पटना में या बैठक बहुत जल्द बुलाई जाएगी।
लोकसभा में संसदीय दल के नेता पशुपति कुमार पारस आज अपने करीबी नेताओं के साथ मंथन करने के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तारीख तय करेंगे। दरअसल पारस की तरफ से चुनाव आयोग में पार्टी को लेकर नेतृत्व पर दावा पेश करना है लिहाजा वह वकीलों के साथ इस पर मंथन करने वाले हैं। इसके पहले सोमवार की शाम लोकसभा सचिवालय में पशुपति कुमार पारस को नेता चुने जाने की अधिसूचना जारी कर दी थी। इस अधिसूचना के आधार पर ही पारस चुनाव आयोग में इसकी जानकारी देने वाले हैं कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। फर्स्ट बिहार को मिली जानकारी के मुताबिक पशुपति कुमार पारस अब तक 12 राज्यों में एलजेपी के नेतृत्व से संपर्क कर चुके हैं। तकरीबन आधा दर्जन राज्य के अध्यक्षों ने उन्हें अपना समर्थन देने का भरोसा दिया है।
एलजेपी के पुराने नेताओं और पार्टी संविधान की जानकारी रखने वाले लोगों का मानना है कि भले ही पशुपति कुमार पारस में संसदीय दल के ऊपर कब्जा जमा लिया हो लेकिन चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी से हटाना आसान नहीं होगा। इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तरफ से मुहर का इंतजार करना होगा। पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव खालिक रामविलास पासवान के बेहद खास रहे हैं। अब्दुल खालिक चिराग के भी करीबी माने जाते हैं। कमेटी में कई ऐसे चेहरे हैं जो अभी भी चिराग के साथ खड़े हैं। ऐसे में दोनों खेमों की तरफ से रस्साकशी तेज होगी।
पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान दोनों एलजेपी पर कब्जा बरकरार रखने के लिए कानूनी जानकारों की सलाह ले रहे हैं। चिराग पासवान भले ही सोमवार को अपने चाचा पारस से मिलने पहुंचे हों। उनकी मुलाकात पशुपति पारस से नहीं हो पाई हो लेकिन अब तक उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। माना जा रहा है कि चिराग किसी तरह इस मौजूदा संकट से निकलने के लिए रणनीति पर हिडेन तरीके से काम कर रहे हैं। वहीं पारस की स्थिति बेहद मजबूत हो चुकी है। लोकसभा में उन्हें नेता का दर्जा मिलने के बाद चुनाव आयोग में उनका दावा भी मजबूत हुआ है। ऐसे में अगर कई नेताओं का साथ उनको और मिल जाए तो कोई अचरज नहीं होगा। मौजूदा खींचतान के बीच दिल्ली में भले ही अब तक सारी हलचल हुई हो लेकिन आगे आने वाले दिनों में पटना लोक जनशक्ति पार्टी में नेतृत्व की लड़ाई का गवाह बनने वाला है।