पारस और प्रिंस राज दोनों का पत्ता साफ! चाचा-भतीजे की लड़ाई में चिराग की जीत, बीजेपी से डील तय, पारस कैंप में भगदड़

पारस और प्रिंस राज दोनों का पत्ता साफ! चाचा-भतीजे की लड़ाई में चिराग की जीत, बीजेपी से डील तय, पारस कैंप में भगदड़

PATNA: बिहार की सियासत में चाचा-भतीजे की दिलचस्प लड़ाई का पटाक्षेप हो गया है. ये लड़ाई चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान में छिड़ी थी. आज बीजेपी ने ही इसका निपटारा कर दिया. बीजेपी ने चिराग पासवान को गले लगा लिया है. यानि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी चिराग पासवान की लोजपा(रामविलास) से तालमेल करने जा रही है. इसके साथ ही ये स्पष्ट हो गया है कि न सिर्फ पशुपति कुमार पारस बल्कि उनके साथ जाने वाले दूसरे भतीजे प्रिंस राज का भी पत्ता साफ हो गया है.  बीजेपी से ये मैसेज क्लीयर होने के बाद पारस कैंप में भगदड़ मच गयी है.


बीजेपी से चिराग की डील तय

दिल्ली में आज चिराग पासवान ने पहले अमित शाह और फिर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. उससे पहले बीजेपी ने चिराग पासवान से सीट शेयरिंग का पूरा फार्मूला तय कर लिया था. पिछले कई दिनों से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय समेत बीजेपी के कई नेता चिराग पासवान से बात कर रहे थे. सूत्रों के मुताबिक ये तय हुआ कि चिराग पासवान को अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी पांच सीटें देगी. सीटों की संख्या तय होने के बाद चिराग पासवान ने आज अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने औपचारिक तौर पर ये साफ किया कि बीजेपी चिराग पासवान से ही समझौता करेगी. पशुपति पारस का नोटिस नहीं लिया जायेगा.


हाजीपुर से लड़ेंगे चिराग

बीजेपी ने ये भी साफ कर दिया है कि चिराग पासवान ही हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. दरअसल इसी सीट से पशुपति कुमार पारस सांसद हैं. चिराग पासवान ने जब ये एलान किया था कि वे हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे तो पारस हर रोज उन पर जुबानी हमला कर रहे थे. पारस ये दावा कर रहे थे कि वे हाजीपुर से हर हाल में चुनाव लड़ेंगे बल्कि चिराग पासवान की जमानत भी जब्त करा देंगे. लेकिन अब ये तय हो गया है कि पशुपति पारस हाजीपुर से एनडीए के उम्मीदवार नहीं होंगे.


प्रिंस को भी ले डूबे पारस

लोजपा(रामविलास) के सूत्र बता रहे हैं कि न सिर्फ पशुपति कुमार पारस का पत्ता साफ हुआ है बल्कि उनका साथ देने वाले सांसद प्रिंस राज भी निपट गये हैं. प्रिंस राज फिलहाल समस्तीपुर से सांसद हैं और चिराग पासवान के चचेरे भाई हैं. बीजेपी ने समस्तीपुर सीट भी चिराग पासवान को देने का भरोसा दिया है. सूत्रों की मानें तो चिराग पासवान किसी सूरत में प्रिंस राज को उम्मीदवार नहीं बनाने जा रहे हैं. समस्तीपुर सीट से उन्होंने अपनी पार्टी के लिए नया उम्मीदवार पहले से तलाश रखा है.


पारस कैंप में भगदड़

बीजेपी से चिराग पासवान की डील तय होने की खबर फैलने के साथ ही पशुपति कुमार पारस के कैंप में भगदड़ मच गयी है. चिराग पासवान जैसे ही अमित शाह से मिल कर वापस लौटे, वैसे ही वैशाली से सांसद वीणा देवी उनसे मिलने पहुंच गयी. वीणा देवी उन सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने पारस के साथ जाकर लोजपा में टूट करायी थी. लोजपा(रामविलास) के एक नेता ने बताया कि वीणा देवी चिराग पासवान के पास ये कहने पहुंची थी कि वे उनकी पार्टी में शामिल होने को तैयार हैं. हालांकि चिराग पासवान ने उन्हें टिकट देने का आश्वासन नहीं दिया. 


लोजपा(रामविलास) के सूत्रों की मानें तो पारस के कैंप के दो और सांसदों ने चिराग पासवान से मिलने का टाइम मांगा है. हालांकि उन्हें एनडीए की बैठक के बाद मिलने को कहा गया है. वैसे चिराग पासवान फिलहाल ऐसे किसी भी सांसद को टिकट देने का आश्वासन नहीं दे रहे हैं. चिराग पासवान ने अपने समर्थकों को कहा है कि वे धोखा देने वालों को आसानी से माफ करने वाले नहीं हैं.


बीजेपी ने पारस गुट के सांसदों से पल्ला झाड़ा

दरअसल पारस खेमे में भगदड़ इसलिए मची है क्योंकि बीजेपी ने पारस गुट के सांसदों से पल्ला झाड़ लिया है. पारस गुट के तीन सांसद पहले से ही भाजपा के संपर्क में थे. भाजपा की ओर से उन्हें साफ कह दिया गया है कि अगर टिकट चाहिये तो वे चिराग पासवान से संपर्क करें. चिराग ही तय करेंगे कि लोजपा का उम्मीदवार कौन होगा. बीजेपी के इस मैसेज के बाद ही पारस गुट के सांसदों में भगदड़ मची हुई है.