PATNA : पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव की गिरफ्तारी मंगलवार की सुबह पटना में हुई थी. गिरफ्तारी के बाद मंगलवार की शाम तक पटना पुलिस ने उन्हें गांधी मैदान थाने में बिठाए रखा. इसके बाद उन्हें मधेपुरा पुलिस 32 साल एक पुराने मामले में अपने साथ ले गई. आधी रात के वक्त पप्पू यादव को लेकर मधेपुरा पुलिस जब मधेपुरा कोर्ट पहुंची तो कानूनी कार्यवाही के बाद उन्हें सुपौल के वीरपुर स्थित जेल भेज दिया गया.
इसके पहले मधेपुरा शहर को बीती रात पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था. आधी रात के वक्त जब पप्पू यादव को लेकर पुलिस मधेपुरा पहुंची तो वहां बड़ी तादाद में पप्पू के समर्थक सड़क पर जमे दिखे. कोर्ट परिसर के बाहर भी समर्थकों और आम लोगों का जमावड़ा था. कोर्ट में पेशी के बाद पप्पू यादव को सुपौल के वीरपुर स्थित जेल में शिफ्ट करने का फैसला किया गया. सरकार ने वीरपुर जेल को क्वारन्टीन जेल के तौर पर विकसित किया है.
वीरपुर भेजे जाने से पहले पप्पू यादव ने कहा कि वह बड़ी साजिश के शिकार हुए हैं. सरकार के मंत्री मेडिकल माफिया के गठजोड़ के कारण उनके खिलाफ 32 साल पुराना मामला तलाश कर निकाला गया और उन्हें जेल भेजा गया. पप्पू यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन भी गिरफ्तारी को लेकर नहीं मानी गई. इतना ही नहीं पप्पू यादव ने यह भी कहा कि वह कोरोना नेगेटिव हैं इसके बावजूद उन्हें क्वारन्टीन किया जा रहा है. सरकार उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही है.
आपको बता दें कि मंगलवार की सुबह जब पटना पुलिस ने पप्पू यादव को बुद्धा कॉलोनी स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था उसके बाद देर शाम तक के पटना में हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. गांधी मैदान थाने के बाहर बड़ी तादाद में पप्पू के समर्थक जमे रहे बाद में मधेपुरा के पुलिस पटना पहुंची और उन्हें जब लेकर निकलने लगी तो समर्थकों ने रास्ता भी रोका. जिसके बाद पुलिस ने लाठियां भी भांजी थी. पप्पू यादव की गिरफ्तारी को लेकर सरकार के फैसले पर लगभग सभी विपक्षी दलों ने कड़ा एतराज जताया है.