PATNA : राज्य में पंचायती राज्य सरकार को लागू करने के लिए नीतीश सरकार चाहे लाख दावे करती हो लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि प्रखंड स्तर पर पंचायत के जनप्रतिनिधियों को बैठने के लिए कोई जगह तक मुहैया नहीं कराई गई है. आज इस मामले को लेकर बिहार विधान परिषद में खूब चर्चा हुई. दरअसल, पंचायत प्रतिनिधियों के लिए कार्यालय बनाने या उनके बैठने के लिए सरकार के स्तर पर इंतजाम किए जाने को लेकर परिषद में ध्यानाकर्षण दिया गया था. इसका जवाब देते हुए सरकार की तरफ से पंचायती राज मंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि सरकार पंचायत प्रतिनिधियों के लिए अलग से कार्यालय का निर्माण कराने नहीं जा रही है.
मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार के पास ऐसी फिलहाल कोई योजना नहीं है. सरकार का यह जवाब आते ही विधान परिषद में एक-एक कर कई सदस्यों ने इस मामले पर अपनी राय जाहिर की. बीजेपी विधान पार्षद रजनीश कुमार ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों को अगर सम्मान नहीं दिया जाएगा तो वह जनता का काम कैसे करेंगे. पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए प्रखंड स्तर पर पंचायत प्रतिनिधियों के बैठने के लिए इंतजाम होना चाहिए.
जेडीयू के एमएलसी संजय प्रसाद ने भी इस पर गहरी चिंता जताई. बीजेपी के दिलीप जायसवाल ने भी इस मामले पर चिंता जताई. विधान परिषद में राजन सिंह समेत कई विधान पार्षदों की तरफ से यह ध्यानाकर्षण सूचना लाई गई थी. बीजेपी एमएलसी राजन सिंह ने कहा कि अगर सरकार पंचायत जनप्रतिनिधियों को सम्मान नहीं देगी तो पंचायती राज व्यवस्था कैसे सुदृढ़ हो पाएगी. हालांकि इस मुद्दे पर सदन में काफी देर तक बहस होती रही लेकिन आखिरकार भोजन अवकाश का वक्त होने के कारण चर्चा अधूरी रह गई.