RANCHI: बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलालू मरांडी ने गुरूवार को पलामू के पांकी में हुई दो पक्षों के बीच विवाद को लेकर हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही यूपीए की सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होने कहा कि ये हिंसा अचानक नहीं हुई है बल्कि सुनियोजित तरीके से इसे अंजाम दिया गया है। सांप्रदायिक तनाव राज्य में उचित नहीं है अगर ऐसे ही उन्माद बढ़ता रहा तो राज्य अंधेरे की गलियों में चला जाएगा।
सरकार पर हमला बोलते हुए बाबूलाल ने कहा कि सरकार से ऐसे तत्वों को संरक्षण मिल रहा है। ऐसा पूर्व में भी हो चुका है जब सीएए के समर्थन में पुलिस के सामने पथराव हुआ, उसके बाद रिपोर्ट आई स्लीपर सेल की बात हुई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जामताड़ा में भी दलित परिवार को घर से बाहर कर दिया गया, जमीन पर कब्जा को लेकर उन्हें बेघर कर दिया गया, पुलिस चाहती थी कि दलित परिवार कही और चले जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हम लोग वहां गए उसके बाद दवाब में दलित परिवार फिर अपने घर लौंटे। पलामू के पांडू में भी दलित परिवार के साथ ऐसा ही हुआ उन्हें बेघर कर दिया गया, आज भी वो दलित परिवार थाने में शरण लिये हुए हैं।
बाबू लाल मरांडी ने आगे कहा कि सरकार दो नीति अपना रही है सिर्फ तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति के लिए। देवघर में भी शिवबारात के रूट को लेकर अनावश्यक विवाद और तनाव पैदा करने की कोशिश की गई। ये उनकी कौन सी नीति है जिसमें कहते है कि दुर्गा पूजा में दुर्गा प्रतिमा को छोटा कर दें, शिव बारात का रूट बदल दें, झांकी पर प्रतिबंध लगा दें। कोरोनाकाल में भी हम देख चुके हैं कि सरकार किस तरीके से रांची और कोडरमा से बांग्लादेशियों को बाहर भेज रही थी जिसमें सरकार के मंत्री भी शामिल थे, इस मामले की जांच कराने की मांग हम लोगों ने की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।