Bihar Police: CBI और दिल्ली पुलिस की तर्ज पर अपराधियों से निपटेगी बिहार पुलिस, दहशत फैलाने वालों की उल्टी गिनती शुरू Bihar Crime News: प्रदेश में अपराधी बेलगाम, महिला कांस्टेबल के पति की गोली मारकर हत्या Bihar News: बेकाबू पुलिस वैन ने छात्राओं को रौंदा, एक की मौत Life Style: सेहत के लिए सेंधा नमक वाला पानी क्यों है जरूरी? जानिए... Bihar Crime News: हत्या की साजिश रच रहे 4 अपराधी गिरफ्तार, हथियार और नकदी बरामद Bihar News: महिला ने काट डाला युवक का प्राइवेट पार्ट, अकेला देख करना चाहता था कुकर्म Life Style: हर जिद पूरी करना नहीं है परवरिश का सही तरीका, जानिए... किन बातों में बच्चों को ‘ना’ कहना है जरूरी? Bihar Crime News: भागलपुर में युवक का शव बगीचे से बरामद, परिजनों का हंगामा Bihar News: काशी विश्वनाथ की तर्ज पर बनेगा बिहार का यह मंदिर, मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं Police Encounter: वैशाली में अपराधियों और पुलिस के बीच मुठभेड़, वांछित अपराधी घायल; एक अन्य गिरफ्तार
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 14 Jun 2023 04:42:15 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिहार के पूर्व CM जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार को बड़ा झटका दिया है. मंगलवार को मांझी के बेटे संतोष सुमन ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद मांझी के BJP के साथ जाने की अटकलें लगाई जा रही है.
बता दें बिहार की सियासत में पलटी मारने में मांझी नीतीश कुमार से भी आगे हैं. 8 साल में मांझी 7 बार यूटर्न ले चुके हैं. जीतन राम मांझी कांग्रेस से राजनतिक करियर की शुरुआत की थी. 43 साल के सियासी सफर मांझी ने कांग्रेस से शुरू करने के बाद के बाद JDU, RJD, और BJP के साथ सत्ता में रहे. जीतन राम मांझी ने 1980 में राजनीति में कदम रखा था. और अपने 43 साल के सफ़र में वे 8 बार पला बदल चुके है. इसके बाद मांझी नौवीं की तैयारी कर रहे हैं. इससे कहा जा सकता है कि मांझी किसी के नहीं हैं और सभी के हैं.
मालूम हो कि 1980 में पहली बार कांग्रेस पार्टी से सियासी करियर की शुरआत कर, गया के फतेहपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. विधायक बनते ही 1983 में चंद्रशेखर सिंह की सरकार में वे राज्यमंत्री बने. चंद्रशेखर सिंह के साथ कांग्रेस के तीन अन्य मुख्यमंत्रियों बिंदेश्वरी दुबे, सत्येंद्र नारायण सिन्हा और जगन्नाथ मिश्रा के मंत्रिमंडल में भी वो 1990 तक मंत्री बने रहे.
चुनाव चिह्न चक्का वाले जनता दल के लिए 1990 के विधानसभा चुनाव में मांझी कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव हार गए. हारने क बाद उन्होंने जनता दल जॉइन कर तत्कालीन CM लालू यादव के करीब हो गए. फिर 1996 में वो बाराचट्टी सीट से उपचुनाव में विधायक बने. वही जब लालू ने राजद का गठन होते ही मांझी राजद में शामिल हो गए. लालू राबड़ी दोनों की सरकार में मांझी मंत्री रहे. लेकिन डिग्री घोटाले में नाम आने पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.
फिर समय आया नीतीश कुमार का, 2005 में राजद के शासन का अंत के बाद नीतीश CM बने तो मांझी ने जदयू का दामन थाम लिया. तब वे नीतीश कैबिनेट में भी मंत्री रहे. बता दें कि 2014 में लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी बुरी तरह हार गई. जिसके बाद हार की जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. और अपने पार्टी के जीतन राम मांझी को सीएम बनाया.
लेकिन कुर्सी से हटने के बाद भी नीतीश चाहते थे सब कुछ उनके हाथ में रहे, और जब ऐसा नहीं हुआ तो 8 महीने बाद मांझी नीतीश पर हमलावर हो गए. आरोप लगाया कि उन्हें रबड़ स्टाम्प की तरह इस्तेमाल किया जा रहा. मांझी खुद सभाओं में कहते रहे कि वो रबड़ स्टाम्प नहीं हैं. मांझी के बगावती सुर को देखते हुए फरवरी 2015 में नीतीश कुमार ने उन्हें सीएम पद से हटा दिया.
इसके बाद 2015 में उन्होंने अपनी पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) बना ली. और इसी साल विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन दो में से एक सीट पर वो खुद हर गए. पार्टी ने एक सीट जीती. मांझी 2019 लोकसभा चुनाव से पहले NDA गठबंधन से अलग होने के बाद राजद-कांग्रेस के गठबंधन में शामिल हो गए. मांझी नीतीश कुमार के साथ 2020 के विधानसभा चुनाव में पहले NDA में थे, फिर उन्हीं के साथ महागठबंधन में चले गए.
2020 में विधानसभा चुनाव में वे गया जिले की इमामगंज सीट से 15 हजार वोटों से जीते थे. उनके बेटे और दो अन्य ने भी हम के टिकट पर 2020 का विधानसभा चुनाव जीता था। यानी मांझी की पार्टी के विधानसभा में 4 विधायक हैं। मांझी की पार्टी का वोट शेयर लगभग 2-3 प्रतिशत है.