PATNA : लोकसभा चुनाव के पहले एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन में जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी एक बार फिर से पाला बदलेंगे. मांझी विधानसभा चुनाव के पहले महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए में वापसी करेंगे. मांझी ने महागठबंधन में कोआर्डिनेशन कमेटी के गठन को लेकर जो डेडलाइन तय की है उसके बाद वह अपना अगला कदम बढ़ाएंगे.
JDU में विलय के मुद्दे पर चर्चा के लिए जीतन राम मांझी ने अपने नेताओं की बैठक बुलाई है. जीतन राम मांझी ने खुद इस बात का संकेत दिया है. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव किसी की बात नहीं सुन रहे हैं तो ऐसे में राजनीति संभावनाओं का खेल. नीतीश कभी बीजेपी के विरोधी रहे और लालू सहयोगी, तो मुझ मुझ पर सवाल क्यों? इसका साफ मतलब है कि जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से NDA में वापसी करने की तैयारी में हैं.
बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद से आरजेडी लगातार जीतन राम मांझी को तरजीह नहीं दे रही है. तेजस्वी यादव से जीतन राम मांझी की मुलाकात तक नहीं हो पा रही है. ऐसे भी मांझी को यह लगता है कि विधानसभा चुनाव अगर उन्होंने महागठबंधन के साथ लड़ा तो उन्हें मन मुताबिक सीटें नहीं मिलेगी. मांझी अब इसीलिए नए विकल्पों की तलाश में है. लगातार यह जानकारी सामने आ रही है कि मांझी ने जेडीयू से अपनी नजदीकियां बढ़ाई है, लेकिन जेडीयू ने घर वापसी के लिए मांझी के सामने जो शर्त रखी है उसी पर पेंच फंसा हुआ है. सियासी जानकार बता रहे हैं कि जेडीयू किसी भी कीमत पर मांझी को उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के साथ वापस लेने को तैयार नहीं है, जबकि खुद मांझी अपनी पार्टी को बचाए रखना चाहते हैं.
महागठबंधन में रहकर आरजेडी और तेजस्वी यादव के खिलाफ लगातार बयान देने वाले जीतन राम मांझी का रुख सब ने भांप लिया है. हाल के दिनों में मांझी नीतीश कुमार को लेकर नरम रहे हैं और अब वह अगर फिर से पाला बदलते हैं तो कोई अचरज नहीं होगा. हालांकि इस मामले पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का कोई भी नेता कुछ बोलने को तैयार नहीं है. लेकिन राजनीतिक फायदा और नुकसान देखकर पाला बदलने वाले मांझी अगर एक बार फिर से पलटी मारते हैं तो आश्चर्य नहीं होगा.