Bihar News: खौलते तेल की कड़ाई में गिरी होमगार्ड के साथ दो लड़कियां, जानें फिर क्या हुआ? Bihar Election 2025 : नवादा में राजद नेता की गाड़ी पर 10 राउंड फायरिंग, बाल-बाल बचे नेता; इलाके में फैली दहशत Bihar Election 2025: ‘एनडीए जनता के जनादेश से सरकार नहीं बनाती’, मुकेश सहनी का बड़ा हमला Bihar Election 2025: ‘एनडीए जनता के जनादेश से सरकार नहीं बनाती’, मुकेश सहनी का बड़ा हमला Bihar News: बिहार के अस्पताल में स्टाफ पर एसिड अटैक, बाल-बाल बची जान Bihar Election 2025 : 'मुस्लिम हमारे पूर्वजों की संतानें ...', दुसरे चरण की वोटिंग से पहले बढ़ जाएगी BJP की टेंशन, अब कैसे सिमांचल में मिलेगी बढ़त ? Bihar News: बिहार में फंदे से लटका मिला युवक का शव, भाई ने कहा "हत्या हुई है" Bihar Crime News: बिहार में दूसरे चरण की वोटिंग से पहले मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा, भारी मात्रा में हथियार बरामद Bihar Elections 2025: बिहार चुनाव से पहले BJP को मिली बड़ी सफलता, 122 में से 107 सीटों पर हुई जीत; बढ़ गई विपक्ष की टेंशन Bihar Crime News: बिहार में राजस्थान पुलिस की छापेमारी से हड़कंप, 50 लाख की चोरी से जुड़े मामले में एक्शन
1st Bihar Published by: Updated Sat, 04 Dec 2021 09:46:26 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार सरकार सुशासन के कितने भी दावे कर ले पर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही इनके पोल खोल देती है. पहले तो मुजफ्फरपुर के आंख अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद कई लोगों की आंखें चली गईं. और अब जब उन्हें पटना रेफर किया गया तो आईजीआईएमएस में उन्हें बेड नहीं मिला.
बताते चलें कि मुजफ्फरपुर के आंख अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद कई लोगों की आंखें खराब हो गईं. इन्हीं में से दो मरीजों को मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच से रेफर किया गया था. मरीज के परिजन एंबुलेंस से लेकर शुक्रवार को आईजीआईएमएस तो आ गए लेकिन यहां उन्हें अस्पताल में बेड नहीं मिला.
अस्पताल में मरीज और उनके परिजन बेड के लिए भटकते रहे. इतना ही नहीं जब मरीज और उनके परिजन अस्पताल के बाहर बैठे तो गार्ड ने उनके साथ बदसलूकी की और उन्हें अस्पताल परिसर से भगा दिया. और यह सब तब हो रहा था जब आईजीआईएमएस में ही स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय एक कार्यक्रम में व्यस्त थे. इन मरीजों और इनके परिजनों को सुनने वाला कोई नहीं था.
वहीं, दूसरी ओर मुजफ्फरपुर से ही आए मोतियाबिंद के अन्य नौ मरीजों को बेड मिल गया. इसके पीछे वजह बताई जा रही है कि राज्य सरकार ने अपनी ओर से सूची बनाकर भेजी थी और उनके बेहतर इलाज के पटना बुलाया गया है. इन्हें तो बेड मिल गया, लेकिन दो मरीज जिसे एसकेएमसीएच ने रेफर किया उसे किसी तरह की कोई सुविधा नहीं मिली. दोनों मरीज गीता देवी और भूपेंद्र कुमार सिंह समस्तीपुर के रहने वाले हैं.
दरअसल मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद की सर्जरी के दौरान लोगों की आंख की रोशनी ही जाने के मामले में पीएमओ ने भी संज्ञान लिया था. पीएमओ में स्वास्थ्य विभाग से इस मामले में पूरी रिपोर्ट तलब की. पीएमओ की तरफ से रिपोर्ट मांगी जाने के बाद राज्य सरकार में हड़कंप मच गया.
राज्य सरकार ने इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी रविंद्र नाथ चौधरी को जांच का जिम्मा सौंपा था. स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय निदेशक ने गुरुवार को मरीजों का हालचाल जाना था उसके बाद यह फैसला लिया गया कि इनका इलाज पटना में कराया जाएगा.