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1st Bihar Published by: Updated Tue, 29 Mar 2022 07:55:55 AM IST
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PATNA : पटना पुलिस का इकबाल पूरी तरह से खत्म हो चुका है तभी तो बेखौफ अपराधी आम लोगों से लेकर राजनेताओं तक को निशाना बना रहे हैं. अभी 2 दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर बख्तियारपुर में हमला हुआ था. इस दौरान सीएम सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से लेकर जिला पुलिस तक पर सवाल खड़े हुए थे. लेकिन इस घटना के महज 30 घंटे बाद राजधानी पटना में जेडीयू नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पटना में कानून व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त होती देख यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या ऐसे ही सुशासन चलेगा.
दानापुर नगर परिषद के उपाध्यक्ष और जेडीयू के नेता दीपक मेहता की गोली मारकर हत्या कर दी गई. गंभीर हालत में दीपक को राजा बाजार के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया लेकिन डॉक्टरों उन्हें नहीं बचा पाए. दीपक मेहता अपने घर के पास बैठे थे. इसी दौरान अपराधियों ने उन्हें निशाना बनाया. बाइक पर सवार अपराधी आये और दीपक मेहता के ऊपर गोलियों की बौछार कर दी.
दीपक मेहता की मौत के बाद बीती रात पटना में जमकर बवाल हुआ. शास्त्री नगर के थानेदार को आक्रोशित लोगों ने घंटों तक बंधक बनाए रखा लेकिन ना तो पटना के एसपी और ना ही सिटी एसपी सेंट्रल मौके पर पहुंचे. पुलिस चौकी के सामने ही जेडीयू नेता का घर है. घटना के बाद पुलिस चौकी में ताला लगा कर फरार हो गये. इन अधिकारियों की कार्यशैली पर अब सवाल उठने लगे हैं.
सवाल सीधा है कि क्या ऐसे ही पुलिस अधिकारियों के दम पर पटना में पुलिसिंग को मजबूत रखा जा सकता है. क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अपने ऊपर हुए हमले और उनकी पार्टी के ही दीपक मेहता की हत्या के बाद भी किसी बदलाव की तरफ आगे बढ़ेंगे ताकि उनके सुशासन की यूएसपी को वह बचा पाए.
दीपक मेहता की हत्या की खबर सुनने के बाद जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के साथ-साथ बीजेपी के सांसद रामकृपाल यादव मौके पर पहुंचे थे. कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर इन नेताओं के अंदर भी आक्रोश था. स्थानीय लोगों का आक्रोश देखते हुए इन्होंने उचित कदम उठाने का भरोसा तो दिया लेकिन सुशासन की साख बचाने की जिम्मेदारी खुद नीतीश कुमार के कंधे पर है. दीपक मेहता के बारे में जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक जमीन को लेकर दीपक का पिछले कई सालों से विवाद चल रहा था. पुलिस इस मामले की छानबीन करने में जुट गई है.