PATNA: इस वक्त की दुखद खबर साहित्य के क्षेत्र से निकलकर सामने आ रही है। मैथिली और हिंदी की साहित्यकार और लेखिका पद्मश्री उषा किरण खान का लंबी बीमारी के बाद आज तीन बजे निधन हो गया है। 78 वर्ष की उम्र में उन्होंने पटना के मेदांता अस्पताल में आखिरी सांस ली। दरभंगा के लहेरियासराय की रहने वाली पद्मश्री उषा किरण खान को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।
पद्मश्री उषा किरण खान का जन्म 24 अक्टूबर, 1945 को हुआ था। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से इतिहास एवं पुरातत्त्व में पीजी की डिग्री हासिल की। इसके बाद मगध विश्वविद्यालय से उन्होंने पीएचडी की। लंबे समय तक वे पढ़ाई करती रहीं। 1977 से वे साहित्य और लेखन से जुड़ी। विवश विक्रमादित्य, दूबधान, गीली पांक, कासवन, जलधार, जनम अवधि जैसी कई रचनाएं उन्होंने लिखी।
उन्हें वर्ष 2015 में उन्हें ‘पद्मश्री’ से विभूषित किया गया था। उषा किरण खान को 2010 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया। 2019 में भारत-भारती और 2020 में उन्हें प्रबोध साहित्य सम्मान दियागया। इसके अलावा उन्हें कई अन्य पुरस्कार दिए जा चुके हैं। उनके निधन से साहित्य के क्षेत्र में शोक की लहर है।