ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से अबतक 33 की मौत, 100 से अधिक लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

Padma Shri कपिल देव प्रसाद का निधन, 70 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा; देश में बनाई थी अपनी अलग पहचान

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 13 Mar 2024 01:06:07 PM IST

Padma Shri कपिल देव प्रसाद का निधन, 70 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा; देश में बनाई थी अपनी अलग पहचान

- फ़ोटो

PATNA: 52 बूटी की कला में पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाने वाले नालंदा के पद्मश्री कपिल देव प्रसाद का बुधवार को निधन हो गया। पटना के एक निजी अस्पताल में कपिल देव प्रसाद ने आखिरी सांसें ली। वे 70 साल के थे। पिछले वर्ष 2023 के अप्रैल महीने में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से उन्हें सम्मानित किया था।


पद्मश्री कपिल देव प्रसाद के निधन की खबर से नालंदा में शोक की लहर दौड़ गई है। बुनकरी के दम पर उन्होंने देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री को हासिल किया था। कुछ दिन पहले ही उन्होंने हर्ट सर्जरी कराई थी और आखिरकार उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। बिहारशरीफ के बसवन बीघा गांव निवासी कपिल देव प्रसाद ने पूर्वजों से सीखे हुनर को लोगों में बांटकर रोजगार का एक माध्यम विकसित किया और 52 बूटी हस्तकर्घा से देश भर में अपनी अलग पहचान बनाई थी।


बता दें कि कपिल देव प्रसाद का जन्म 5 अगस्त 1955 को हुआ था। इनके पिता का नाम हरि तांती और मां का नाम फुलेश्वरी देवी था। पूर्वजों से ही बावन बूटी की कला इन्हें मिली थी और उन्होंने इसको ही अपना रोजगार का जरिया बनाया था। 2017 में हैंडलूम प्रतियोगिता के लिए देश के 31 बुनकरों को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया था, जिसमें कपिल देव प्रसाद भी शामिल थे। उनके निधन से नालंदा में शोक की लहर है। कपिल देव प्रसाद का अंतिम संस्कार पटना के फतुहा स्तिथ त्रिवेणी घाट पर किया जाएगा।