PATNA : पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में सेंट्रल पैनल और काउंसलर के पदों के लिए उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी प्रक्रिया शनिवार को पूरी कर ली गई. कुल 30 पदों के लिए 123 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र भरा था जिसमें से 22 नामांकन पत्रों को ख़ारिज कर दिया गया . इसमें सेंट्रल पैनेल के सात और काउंसलर के लिए 15 नामांकन शामिल हैं. हालांकि अभी नामांकन वापसी का मौका है जिसके लिए चुनाव समिति की तरफ से एक दिसंबर की तिथि निर्धारित की गयी है. नामांकन पत्र रद्द किए जाने पर पटना विवि के ग्रिवांस रीड्रेसल सेल के अध्यक्ष प्रो. एनके झा ने बताया कि कुल 22 आवेदन मिले जिसमें छोटी गलतियां थीं. इसलिए उन्हें रिजेक्ट किया गया.
नामांकन रद्द होने पर हंगामा
स्क्रूटिनी समिति ने कुल 22 नामांकन रद्द किए . जिसको लेकर हंगामा शुरू हो गया. इस सूची में अध्यक्ष के पद पर एनएसयूआई की उम्मीदवार अंजलि सिन्हा, छात्र जदयू की संयुक्त सचिव की प्रत्याशी हंसिका दयाल समेत सात लोगों के नाम शामिल हैं. एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं के सूची प्रकाशित होते ही पटना विवि मुख्यालय में धरना देना शुरू कर दिया. वहीँ दूसरी पार्टी के उम्मीदवारों ने पीयू प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया.
पीयू के होस्टलों की भी तलाशी
छात्र संघ चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीती रात पुलिस ने पटना यूनिवर्सिटी के हॉस्टलों की एक- एक कमरे की तलाशी ली. हालांकि पुलिस को कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली . पुलिस के वरीय अधिकारियों ने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि हॉस्टल में कोई भी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति पाए जाने पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी. साथ ही पुलिस ने छात्रों से चुनाव के दौरान शांति बनाए रखने की अपील की. हॉस्टल के अलावा परिसर में खड़ी गाड़ियों की भी तलाशी ली गई और वहां मौजूद लोगों से पूछताछ भी की गई. बता दें कि चुनाव तक हॉस्टल में बाहरी लोगों की एंट्री की सख्त मनाही है.
कुलपति को चुनाव से हटाने की मांग
छात्र जदयू ने पीयू के कुलपति को चुनाव से हटाने की मांग की है. संयुक्त सचिव के पद पर हंसिका के नामांकन को रद्द करने के निर्णय को छात्र जदयू ने साजिश बताया है. कुलपति प्रो. रासबिहारी सिंह पर आरोप लगाते हुए छात्र जदयू के प्रदेश अध्यक्ष श्याम पटेल ने कहा कि कुलपति पक्षपात कर रहे है. छात्र जदयू के प्रति उनका व्यवहार हमेशा पक्षपातपूर्ण रहा है. पिछने चुनाव में भी उन्होंने जदयू के राष्ट्रिय महासचिव के खिलाफ बेतुकी बयानबाजी की थी. और इस बार भी वो यहीं कर रहे हैं.