Mokama Assembly Election : मुरेठा बांधना महज संयोग का एक प्रयोग ! आखिर क्यों मोकामा में खुद एक्टिव हुए JDU के कद्दावर नेता; सवर्ण बहुल सीट पर क्यों बदला जाता है समीकरण Bihar News: बिहार में 18 सरकारी कर्मचारियों पर गिरी गाज, FIR के बाद अब होगी विभागीय जांच Bihar News: रवि किशन को गोली मारने की धमकी देने वाले का बिहार से नहीं कोई कनेक्शन, गिरफ्तारी के बाद बोला "गलती हो गई" Bihar Election 2025: अगर आपके पास नहीं है वोटर कार्ड, तो इन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर दें सकते है वोट; जानिए Patna Traffic Police : कार्तिक पूर्णिमा पर पटना में बदलेगी ट्रैफिक व्यवस्था, कारगिल चौक से गायघाट तक वाहनों पर रोक Bihar Election 2025: विशाल प्रशांत ने 900 करोड़ की विकास परियोजनाओं किया पेश, नितिन गडकरी ने किया विमोचन, कहा- “तरारी बनेगा विकास का मॉडल” Bihar Weather: बिहार में इस दिन से पड़ेगी कड़ाके की सर्दी, IMD ने अभी से किया सावधान Bihar Election 2025: मोकामा में आचार संहिता उल्लंघन का मामला, ललन सिंह और सम्राट चौधरी पर केस दर्ज; अनंत सिंह के समर्थन में निकला था रोड शो Bihar Election 2025: पहले चरण के प्रचार का शोर थमेगा आज , 18 जिलों में 6 नवंबर को वोटिंग; इतने करोड़ मतदाता करेंगे मतदान Bihar News: बिहार चुनाव के बीच करोड़ों की लागत से बना पुल धंसा, कांग्रेस बोली- जनता सब देख रही है, अब वोट से चोट करेगी
1st Bihar Published by: Updated Mon, 09 Dec 2019 08:27:09 PM IST
                    
                    
                    - फ़ोटो
DELHI : नागरिकता संशोधन विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता संशोधन बिल की कॉपी फाड़ दी। ओवैसी ने कहा कि यह बिल एक और बंटवारा करवाने जा रहा है। यह बिल हिटलर के कानून से भी बदतर है। एआईएमआईएम सांसद ने कहा कि अमित शाह चीन से डरते हैं। हालांकि, चेयर पर बैठी रामादेवी ने इस घटना को सदन की कार्यवाही से बाहर करने के निर्देश दिए।
विपक्ष धार्मिक आधार पर भेदभाव का आरोप लगाकर बिल का विरोध कर रहा है। उनकी मांग है कि नेपाल और श्रीलंका के मुस्लिमों को भी इसमें शामिल किया जाए। इस बिल को अल्पसंख्यकों के खिलाफ और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताया जा रहा है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर बिल पेश हुआ तो भारत इजरायल बन जाएगा। थरूर ने कहा कि संविधान देश को धर्म और क्षेत्र के आधार पर बांटने की अनुमति नहीं देता है। इसलिए लोकसभा के रूल्स ऑफ प्रोसीजर एंड कंडक्ट के रूल 72 के तहत बिल पेश नहीं किया जाना चाहिए। यह मूल अधिकारों के खिलाफ है।
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में चर्चा के लिए पेश किया। इस दौरान विपक्ष ने बिल का विरोध किया। शाह ने कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। बिल अल्पसंख्यकों के 0.001% भी खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने ऐसा किया और तब किसी ने विरोध नहीं किया था। गृह मंत्री ने उदाहरण दिया कि 1947 में पूर्व और पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को भारत के संविधान ने नागरिकता दी थी। तभी मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री और लाल कृष्ण आडवाणी उप-प्रधानमंत्री बने।