RANCHI : झारखंड में नर्सिंग की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए यह काफी काम की खबर है। कोर्ट ने इन कोर्स की तैयारी करने वाले स्टूडेंट को राहत देते हुए यह निर्णय लिया है कि - राज्य के नर्सिंग कॉलेजों में एडमिशन पर लगी रोक तत्काल प्रभाव से हटाई जा रही है। राज्य सरकार के द्वारा जारी अधिसूचना से पलट उच्च न्यायलय ने देश के सभी नागरिकों के लिए आवेदन योग्यता कर दी है।
दरअसल, झारखंड में एएनएम, जीएनएम, बीएससी नर्सिंग में दाखिले पर लगी रोक हाईकोर्ट ने हटा ली है। कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को नामांकन का संशोधित विज्ञापन जारी कर जल्द नामांकन प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। जस्टिस आर मुखोपाध्याय की अदालत ने सरकार के शपथपत्र के आलोक में नामांकन के लिए जारी विज्ञापन से रोक हटायी है।
मिली जानकारी के अनुसार, सरकार की ओर से शपथपत्र दाखिल कर बताया गया कि नामांकन के लिए पूर्व में जारी विज्ञापन में 'सिर्फ झारखंड के निवासियों के आवेदन की अनिवार्यता' को विलोपित करते हुए 'भारत के नागरिक आवेदन दे सकते हैं' को शामिल करने की मंजूरी मिल गयी है। इस पर अदालत ने संशोधित विज्ञापन जारी कर नामांकन के लिए परीक्षा लेकर प्रक्रिया जल्द पूरी करने का निर्देश दिया।
मालूम हो कि, बीते तीन जून को अदालत ने विज्ञापन पर रोक लगाते हुए सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। सरकार ने शपथपत्र दाखिल कर विज्ञापन में बदलाव करने की बात कही। इसके बाद अदालत ने रोक हटाते हुए संशोधित विज्ञापन जारी करने का निर्देश दिया। पूर्व में जारी विज्ञापन में नामांकन के लिए जारी विज्ञापन में सिर्फ झारखंड के स्थायी निवासियों से ही विज्ञापन आमंत्रित किया गया था।
इसके खिलाफ कुलचेंद्र कुमार सिंह एवं अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। प्रार्थियों की ओर से अदालत को बताया गया कि झारखंड राज्य संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर्षद ने एएनएम ,जीएनएम के नर्सिंग कोर्स और बीएससी नर्सिंग में नामांकन के लिए 17 मई को विज्ञापन निकाला है। इसमें कहा गया है कि इन पाठ्यक्रमों में सिर्फ झारखंड के स्थानीय निवासी ही आवेदन कर सकते हैं। सरकार का यह प्रावधान उचित नहीं है और संविधान के खिलाफ है। किसी भी नियुक्ति और नामांकन में सभी पद स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित नहीं किए जा सकते हैं। अदालत से नामांकन की शर्त को रद्द करने का आग्रह किया गया था।