GOPALGANJ: नूपुर शर्मा इन दिनों काफी चर्चा में बनी हुई है. अब बिहार के गोपालगंज में भी बीजेपी की प्रवक्ता रह चुकी नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्टर लगाए जा चुके हैं. नूपुर शर्मा के समर्थन में लगाये गये पोस्टर्स शहर के कई चौराहों पर दिखाई दे रहे हैं. जिसमें उस पोस्टर में साफ़ तौर पर लिखा गया है ‘आई सपोर्ट नूपुर शर्मा’. वहीं देश भर की हालत को देखते हुए गोपालगंज में भी पोस्टर चिपकाए जाने के बाद वहां की पुलिस और खुफिया विभाग अलर्ट हो गई है. लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये पोस्टर किसने चिपकाए हैं. बता दें, इससे पहले भी नूपुर शर्मा के खिलाफ भागलपुर में पोस्टर सड़क पर फेंके गए थे. वहीं अब उनके समर्थन में गोपालगंज में पोस्टर लगाए जा रहे हैं.
दरअसल, भाजपा की प्रवक्ता रह चुकी नूपुर शर्मा के दिए कटाक्ष बयान के बाद जहां पूरे देश में एक पक्ष सड़क पर उतर कर उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे है, जिस वजह से देश के कई हिस्सों में किये गये विरोध प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया है. इसी बीच कई जगह इनके पक्ष में भी लोग सामने आ रहे है, जिनमें से एक बिहार का गोपालगंज है, जहां नूपुर के समर्थन में पोस्टर चिपकाया गया है.
रातों-रात गोपालगंज शहर के शैक्षणिक संस्थान, पार्क, मंदिर और चौक-चौराहों पर नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्टर्स लगा दिए गये , जिसमें लिखा है ‘आई सपोर्ट नूपुर शर्मा’. नूपुर शर्मा को मिले इस समर्थन से पहले मुस्लिम संगठनों ने रविवार के दिन नूपुर शर्मा के विरोध में प्रदर्शन जुलूस निकालने का आह्वान किया था, लेकिन जिला प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी, जिसके बाद नूपुर शर्मा के खिलाफ एक मुस्लिम संगठन ने नगर थाने में FIR दर्ज कराने के लिए लिखित शिकायत भी की है. वहीं, दूसरी ओर सोशल साइट पर नूपुर शर्मा के समर्थन और विरोध भी शुरू हो चुका है.
गोपालगंज पुलिस की आईटी सेल ने वैसे लोगों की सूचि बना कर फेसबुक ID पर निगरानी बढ़ा दी है जो सोशल साइट्स पर भड़काऊ पोस्ट करते हो. अगर पुलिस सूत्रों की मानें तो उनके अनुसार ऐसे करीब 70 लोगों को चिन्हित किया गया है, जिन पर कभी भी कार्रवाई की जा सकती है.
वहीं इधर, मुस्लिम समुदाय की तरफ से सीवान में भी नूपुर शर्मा के खिलाफ प्रोटेस्ट निकालने के आह्ववान के बाद जिला प्रशासन मुस्तैद हो गया है और साथ ही शहर के हर एक चौक चौराहों पर पुलिस बल के साथ-साथ पुलिस अधिकारी और मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी गई है. दरअसल, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शहर मुख्यालय में एहतजाजी जुलूस निकालने का फैसला लिया था. लेकिन इस पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी.