नियोजित शिक्षकों ने पीटी थाली; महिला शिक्षकों ने कहा - हमारा परिवार टूटने से बचाइए सरकार

नियोजित शिक्षकों ने पीटी थाली; महिला शिक्षकों ने कहा - हमारा परिवार टूटने से बचाइए सरकार

PATNA : पूरे बिहार में 'समान काम समान वेतन और समान सेवाशर्त समेत सात सूत्री मांगों को लेकर लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों की हड़ताल जारी है।पटना के बिहटा में आठ दिनों से लगातार आंदोलन कर रहे नियोजित शिक्षकों ने आज थाली पीटकर सरकार का विरोध जताया।शिक्षकों का कहना है कि सरकार देख ले कि हमारी थाली खाली पड़ी है भूखमरी छा गयी है तभी तो इसे पीटने की नौबत आ गयी है । वहीं शिक्षकों के आंदोलन से स्कूलों में पढ़ाई- लिखाई बिल्कुल ठप पड़ गयी है। 


बिहटा के राघोपुर स्थित बीआरसी में प्रखंड के सभी महिला और पुरुष शिक्षकों ने आवाज दो हम एक हैं का नारा लगाते हुए कहा कि जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन करेंगे। महिला शिक्षिकाओं ने कहा कि अब उनके सामने थाली पीटने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है, अब वे लोग भूखे मरने को विवश हैं। सरकार को थाली पीटकर अपनी गरीबी दिखाना चाहते हैं। महिला शिक्षिकाओं ने कहा कि सेवा शर्त लागू नहीं होने के कारण अब उनके परिवार में अलगाव पैदा हो रहा है अगर सरकार सेवा शर्त लागू करती है तो शिक्षकों का स्थानांतरण होना शुरू हो जायेगा। जिससे दूसरे जिलों में पदस्थापित महिला शिक्षक घर में रह कर नौकरी कर सकेंगी।


परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव आनंद मिश्रा ने दावा किया कि  शिक्षकों की हड़ताल से बिहटा प्रखंड के सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ाई ठप है। उन्होनें कहा कि सरकार मनमानी कर रही है। विरोध करने वाले शिक्षकों को बर्खास्त कर रही है। लेकिन शिक्षकों का ये आंदोलन रुकने वाला नहीं है। सरकार बच्चों के भविष्य का हवाला बार-बार दे रही है। हमें अपने बच्चों का भविष्य दिख रहा है तभी तो हम सड़क पर हैं। सरकार जो वेतन देती है उससे घर का खाना खर्च ही मुश्किल से चल पाता है बच्चों के भविष्य के बारे में क्या सोच पाएंगे।