Bihar School Education: बिहार की शिक्षा व्यवस्था में होने जा रहा बड़ा बदलाव, सरकारी स्कूलों में जल्द शुरू होगा यह पाठ्यक्रम

बिहार के सरकारी स्कूलों में नए सत्र 2026-27 से छठी कक्षा से व्यावसायिक शिक्षा शुरू होगी। छात्रों को कौशल विकास और रोजगार के लिए तैयार करने के लिए कंप्यूटर, एआई, हेल्थकेयर, इलेक्ट्रॉनिक्स समेत विभिन्न ट्रेड सिखाए जाएंगे।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sun, 21 Dec 2025 03:23:58 PM IST

Bihar School Education

प्रतिकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar School Education: बिहार के सरकारी स्कूलों में नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत अब छठी कक्षा से व्यावसायिक शिक्षा दी जाएगी। इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना और उन्हें विभिन्न व्यवसायों के बारे में प्रारंभिक जानकारी प्रदान करना है।


राज्य शिक्षा विभाग इस नीति को चरणबद्ध तरीके से लागू कर रहा है। नीतीश सरकार का मुख्य फोकस युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। इसके तहत बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में कई व्यावसायिक पाठ्यक्रम लागू किए जा रहे हैं।


सरकार की योजना है कि बच्चों में स्टार्टअप और व्यवसाय की सोच छोटी उम्र से विकसित हो। इसके लिए विभाग ने प्री-वोकेशनल कोर्स की प्लानिंग शुरू कर दी है। पाठ्यक्रम तैयार करने का कार्य राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) कर रहा है।


अभी तक व्यावसायिक शिक्षा नौवीं कक्षा से शुरू होती थी, लेकिन नए सत्र 2026-27 से इसे छठी कक्षा से लागू किया जाएगा। शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 11-12 साल की उम्र से छात्रों को कौशल विकास और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। 


इसमें कंप्यूटर, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, इलेक्ट्रॉनिक्स, लॉजिस्टिक्स और एआई जैसे क्षेत्र शामिल होंगे। इसका लक्ष्य छात्रों को स्कूली शिक्षा के बाद रोजगार और स्वरोजगार के लिए तैयार करना और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाना है।


दिल्ली समेत कुछ अन्य राज्यों में भी छठी कक्षा से व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। SCERT कंप्यूटर, एआई, हेल्थकेयर, ऑटोमोबाइल्स, रिटेल मैनेजमेंट, बैंकिंग, मीडिया और एंटरटेनमेंट, ब्यूटी और वेलनेस जैसे पाठ्यक्रमों को तैयार करने में जुटा है।


पाठ्यक्रम को छठी कक्षा से शुरू करने का तर्क यह है कि नौवीं तक आते-आते अधिकांश बच्चे अपनी पढ़ाई और करियर को लेकर मानसिक रूप से तैयार हो जाते हैं, इसलिए इसे पहले से लागू करने से उनका रुझान व्यावसायिक क्षेत्र की ओर विकसित होता है।


NCERT ने इस पहल के लिए राज्यों को पहले से एडवाइजरी जारी की है। योजना के अनुसार बच्चों को छठी से आठवीं कक्षा तक प्रारंभिक जानकारी दी जाएगी, जिससे उनमें व्यावसायिक क्षेत्र में रुचि विकसित हो सके। भविष्य में शिक्षा विभाग छठी से कम कक्षाओं में भी व्यावसायिक शिक्षा की बेसिक पढ़ाई शुरू करेगा।