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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 06 Feb 2023 08:05:39 AM IST
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PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव राज्य के बेरोजगारों को सरकारी नौकरी देने के लिए बेचैन हैं। इसके लिए सबसे अहम चीज का है कि सरकार के पास खाली पड़ें पदों की जानकारी उपलब्ध हो। यह सूचना हो कि, आरक्षण के हिसाब से किस वर्ग के लिए कितने पद आरक्षित हैं। इसके बाद ही सरकार नई नीतियों की घोषणा कर सकती हैं। लेकिन, सरकार में बैठे अधिकारी पिछले 1 साल से अब तक 11 पत्रों का जवाब नहीं दे पाए हैं।
दरअसल, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में कामकाज की सुस्ती का एक बड़ा उदाहरण देखने को मिला है। विभाग के तरफ से पिछले 1 साल में 11 पत्र लिखा गया है।जिसमें से महज एक पत्र ही मूल पत्र है बाकी 10 पत्र उन चीजों को वापस से याद दिलाने के लिए लिखा गया है। इस तरह के पत्र को सरकारी भाषा में स्मार पत्र कहा जाता है। यह पत्र सुपौल, बेगूसराय, कैमूर, लखीसराय, किशनगंज, कटिहार को छोड़कर राज्य के सभी 32 जिलाधिकारियों को लिखा गया है। यह पत्र सरकार के संयुक्त सचिव कंचन कपूर के तरफ से लिखा गया हैसको लेकर पहला पत्र मार्च 2022 से भेजा गया था।
अगर बात करें की इस पत्र और इसमें लिखी गई बातों की तो इसमें लिखा गया है कि, राज्य के सभी जिला अधिकारी अपने जिले में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से संबंधित रिक्तियों की जानकारी सरकार को देंगे। इसके साथ ही साथ इस बात की भी जानकारी देंगे कि कितने स्टॉफ रिटायर हुए हैं। इसके अलावा किसी अन्य वजहों से कितने पद खाली पड़े हैं, इसकी भी जानकारी देंगे। सको लेकर पहला पत्र मार्च 2022 से भेजा गया था। जिसमें खाली पदों के बारे में 1 सप्ताह के अंदर जानकारी देने को कहा गया था। लेकिन, इसके बाद भी सरकारी अधिकारियों ने नहीं जानकारी दी। जिसके बाद अबतक कुल 10 स्मार पत्र लिखें जा छुए हैं। अंतिम पत्र 3 फरवरी 2023 को लिखा गया है। लेकिन अब तक इसको लेकर कोई जवाब नहीं आया है।
इधर, इस पूरे मामले को लेकर अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या सरकारी महकमे में बैठे अधिकारी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की बातों पर भी ध्यान नहीं देते हैं या फिर उनके आदेशों का भी अनदेखी करते हैं। लेकिन, इसके बाद भी अबतक कोई फ़ास्ट एक्शन देखने को नहीं मिल रहा है।
आपको बताते चलें कि, वित्तीय वर्ष 2013-14 में हुई रिक्त के आधार पर पिछले साल 4325 राजस्व कर्मियों की नियुक्ति हुई है। मतलब 2015 से 2022 के बीच में हुई चयन को अबतक को भरने की प्रक्रिया शुरू होगी। सितंबर के बाद के स्मार पत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी नाम जोड़ा गया है कि 22 सितंबर 2022 की बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि नियुक्ति की कार्रवाई शीघ्र पूर्ण हो। इस पत्र के अंदर में यह भी बताया जा रहा है कि कृपया इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दें, लेकिन अब तक इसको लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है।