PATNA: बिहार की सियासत के चाचा-भतीजा आखिरकार आज एक साथ बैठ ही गये. बात नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की हो रही है. बिहार के सचिवालय में दोनों एक घंटे के लिए साथ-साथ बैठे. चाय-पानी भी हुआ लेकिन कोई सियासी बात नहीं हुई.
क्यों साथ बैठे नीतीश और तेजस्वी
दरअसल बिहार सरकार ने आज राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए बैठक बुलायी थी. मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर चयन के लिए जो कमेटी फैसला लेती है उसमें मुख्यमंत्री के साथ साथ नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति भी सदस्य होते हैं. बिहार सरकार ने आज मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर चयन के लिए बैठक बुलायी तो उसमें नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के साथ साथ विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी और विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह भी मौजूद थे.
बिहार के सचिवालय में ये बैठक हुई. बंद कमरे में तमाम नेताओं के बीच मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष चुनने पर चर्चा हुई. हम आपको बता दें कि मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष चुनने के लिए बिहार सरकार ने पिछले साल भी बैठक बुलायी थी लेकिन उसमें तेजस्वी यादव शामिल होने नहीं पहुंचे थे. उस बैठक में विधान परिषद में विपक्ष के नेता के तौर पर राबडी देवी शामिल हुई थीं.
चार साल से खाली पड़ा है अध्यक्ष का पद
बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष पद चार सालों से खाड़ी पड़ा है. सरकार कार्यवाहक अध्यक्ष बना कर काम चला रही है. बिहार मानवाधिकार आयोग के आखिरी स्थायी अध्यक्ष जस्टिस बिलाल नाजकी थे. उन्होंने 2016 में इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद से आयोग के स्थायी अध्यक्ष का पद खाली पड़ा है. सरकार कार्यकारी व्यवस्था के तहत काम चला रही है. पहले जस्टिस मंधाता सिंह को मानवाधिकार आयोग का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया . उनके रिटायर करने के बाद जस्टिस उज्जवल कुमार दूबे को आयोग का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है.