PATNA : कोरोना महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को बड़ा फैसला किया था. मोदी कैबिनेट सांसदों के वेतन में 30 फ़ीसदी की कटौती के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी थी. उसके बाद यह चर्चा शुरू हो गई थी कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बिहार में ऐसा ही कोई फैसला लेंगे. बिहार के सियासी गलियारे में यह चर्चा बनी हुई थी कि क्या नीतीश कुमार विधायकों और विधान पार्षदों के वेतन में कटौती पर कोई फैसला लेंगे, लेकिन नीतीश कुमार के फैसले से पहले हिमाचल प्रदेश ने बाजी मार ली है.
हिमाचल प्रदेश की सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए केंद्र सरकार की तर्ज पर वहां के विधायकों के वेतन में 30 फ़ीसदी की कटौती कर दी है. साथ ही साथ अगले 2 साल के लिए विधायकों के फंड पर भी रोक लगा दी गई है. सरकार अब इसका इस्तेमाल कोरोना महामारी से निपटने के लिए करेगी. राज्य में एक करोड़ 75,00,000 का फंड विधायकों को मिलता है. इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश सरकार ने बोर्ड निगम के चेयरमैन के वेतन में 30 फीसदी की कटौती करने का फैसला किया है.
अभी भी इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि बिहार में विधायकों और विधान पार्षदों के वेतन में कटौती की जाएगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसे मौकों पर बड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं. अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि बिहार में केंद्र की तर्ज पर सीएम नीतीश फैसला कब लेते हैं.