नीतीश सरकार ने विश्वविद्यालयों की ताकत घटायी, अब प्राचार्य और तृतीय वर्ग के कर्मियों की नियुक्ति नहीं कर पाएंगे

1st Bihar Published by: Updated Wed, 17 Mar 2021 07:39:25 AM IST

नीतीश सरकार ने विश्वविद्यालयों की ताकत घटायी, अब प्राचार्य और तृतीय वर्ग के कर्मियों की नियुक्ति नहीं कर पाएंगे

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PATNA : बिहार में कई विश्वविद्यालयों की तरफ से की जा रही नियुक्ति में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला किया है. सरकार ने विश्वविद्यालय प्रशासन के ऊपर नकेल कसते हुए उनका दायरा सीमित कर दिया है, अब विश्वविद्यालयों से प्राचार्य और तृतीय वर्ग के कर्मियों की भर्ती का अधिकार छीन लिया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी मनमर्जी से जुड़े कर्मियों की बहाली नहीं कर सकेगा. विश्वविद्यालय के तरफ से अब कॉलेज के प्राचार्य भी नहीं बनाए जाएंगे.

सरकार ने इसके लिए नियमावली में संशोधन किया है. अब कॉलेज में तृतीय वर्ग के कर्मियों की बहाली राज्य कर्मचारी चयन आयोग से की जाएगी, वहीं सरकारी कॉलेज के प्राचार्य की बहाली का अधिकार बिहार राज्य विवि सेवा आयोग को दे दिया गया है. मंगलवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में इस नियमावली के संशोधन को हरी झंडी दे दी गई है

आपको बताते हैं कि साल 2019 में राज्य के अंदर विवि सेवा आयोग का गठन किया गया. 2020 में 4638 असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली के लिए आयोग ने आवेदन भी लिया है. विश्वविद्यालय की चयन समिति से प्राचार्य की नियुक्ति को लेकर काफी विवाद होता था. मगध विश्वविद्यालय के 70 प्राचार्य की बहाली का मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा था, इसलिए अब सरकार ने इसमें बदलाव किया है.