PATNA : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की गोपालगंज यात्रा को लेकर शुक्रवार को दिनभर पटना में हाई वोल्टेज सियासी ड्रामा देखने को मिला था। बिहार सरकार ने सुबह-सुबह ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास को पुलिस छावनी में तब्दील कर तेजस्वी को गोपालगंज जाने से रोक दिया था। नीतीश सरकार लगातार यह हवाला देती रही कि तेजस्वी लॉक डाउन में नियमों को तोड़कर गोपालगंज नहीं जा सकते हैं। लेकिन सरकार के इस आदेश में अब नया पॉलिटिकल एंड सामने आ रहा है। भले ही तेजस्वी यादव को शुक्रवार के दिन गोपालगंज जाने की इजाजत नहीं दी गई वह लेकिन आज उन्हें नौबतपुर जाने की छूट दे दी गई।
नौबतपुर में पिछले दिनों मारे गए भोला पासवान के परिजनों से मुलाकात करने तेजस्वी यादव आज वहां पहुंचे। उनके साथ पार्टी के विधायक और दूसरे नेता भी थे लेकिन जिला प्रशासन ने उनको आज रोकने की जहमत नहीं उठाई। ना तो लॉक डाउन के नियमों का हवाला दिया गया और ना ही गोपालगंज जाने से रोकने जैसी पहल दिखी। सरकार के इस रवैये के बाद अब सियासी गलियारे में सवाल उठने लगा है कि क्या वाकई जेडीयू विधायक पप्पू पांडे की वजह से नीतीश सरकार ने गोपालगंज की यात्रा को रोक दिया।
तेजस्वी यादव की तरफ से आज नौबतपुर की यात्रा को लेकर पहले ही जानकारी साझा कर दी गई थी। बावजूद इसके आज सरकार ने उनकी तरफ देखना भी मुनासिब नहीं समझा। तेजस्वी जब नौबतपुर पहुंचे तो उनके साथ आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र भी मौजूद थे। वहां पिछले दिनों मारे गए भोला पासवान के परिजनों से मुलाकात की और इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी की है। तेजस्वी ने कहा कि सरकार को बने रहने का हक नहीं है सत्ता में बैठे लोगों को जवाब मिल जाएगा।