PATNA : बिहार में पुस्तकालय की स्थिति सुधारने के लिए नीतीश सरकार राजकीय पुस्तकालय नीति बनाएगी. बिहार विधानसभा में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इसका ऐलान किया है. विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि सरकार चाहती है कि राजकीय पुस्तकालयों की स्थिति सुधरी और इस दिशा में नीति बनाकर काम करने की योजना है.
दरअसल बिहार विधानसभा में ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए विधायक सुदामा प्रसाद और महबूब आलम के साथ-साथ अन्य सदस्यों ने पुस्तकालय की दुर्दशा को लेकर सरकार से जवाब मांगा था. इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि सरकार कार्य योजना बनाकर काम करने का मकसद रखती है और सरकार का मानना है कि इसके लिए अलग से एक नीति लाए जाने की जरूरत है. सरकार की तरफ से जवाब आने के बाद सदन में विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि क्या केरल के तर्ज पर शिक्षा विभाग के लिए तय राशि का 3 फ़ीसदी पुस्तकालयों को पर खर्च किया जाएगा. विजय कुमार चौधरी ने कहा कि केरल में पुस्तकालयों के ऊपर कितना खर्च किया जाता है इसकी जानकारी नहीं है लेकिन हम राजकीय पुस्तकालय नीति जरूर बनाना चाहते हैं.
विधायक महबूब आलम ने कहा कि बिहार में पुस्तकालय को पुनर्जीवित करने की जरूरत है. पुस्तकालयों के नाम से जमीन है और अगर सरकार चाहती है तो उसको पुनर्जीवित करना चाहिए. महबूब आलम ने कहा कि पहले के दौर में पुस्तकालयों का इस्तेमाल छात्रों की तरफ से किया जाता था लेकिन आज राज्य के पुस्तकालय दुर्दशा के शिकार हैं. विजय कुमार चौधरी ने भी इस पर सहमति जताई. उन्होंने कहा कि इसीलिए सरकार पुस्तकालयों को विकसित करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाने जा रही है.