PATNA : लोक आस्था के महापर्व छठ के साथ बिहार की पहचान जुड़ी हुई है। बिहार के बाहर छठ महापर्व का जैसे-जैसे प्रसार हुआ वहां छुट्टियां भी घोषित होने लगी है। लेकिन, नीतीश सरकार ने छठ महापर्व के मौके पर एक ऐसा फरमान जारी किया है जिससे सरकारी सेवकों के बीच भारी नाराजगी है। दरअसल राज्य के मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने छठ के मौके पर अवकाश को रद्द कर दिया है विभाग की तरफ से एक सरकारी आदेश जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि छठ पूजा के मौके पर कोई अवकाश नहीं रहेगा और सामान्य दिनों के मुताबिक ही कामकाज होगा सरकार के इस फैसले से विभाग के कर्मचारियों में भारी नाराजगी है।
दरअसल, बिहार सरकार के उपसचिव के तरफ से एक आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में कहा गया है कि छठ पूजा हेतु घोषित अवकाश अवधियों में सभी निबंधन कार्यालय सामान्य दिनों की तरह खुले रहेंगे। उक्त दिनों में अभिलेखों का डिजिटाईजेशन एवं मॉडल डीड से संबंधित सभी कार्यों को अद्यतन कर लिया जाना आवश्यक होगा। इसके साथ ही उक्त अवधि में यदि कोई दस्तावेज का निबंधन कराना चाहते हैं, तो सामान्य दिनों की तरह निबंधन कार्य किया जायेगा।
जिसके बाद इस आदेश को लेकर विभागीय कर्मचारियों के बिच काफी नाराजगी नजर आ रही है। सूत्रों की मानें तो बिहार में शराबबंदी को लेकर मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग काफी सतर्क है और किसी बड़े पर्व के दौरान इस विभाग के वरीय अधिकारी और अधिक सतर्क हो जाते हैं, इसी कारण विभागों के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी जाती है। लेकिन, इस बार छठ पूजा की छुट्टियां रद्द होने से कर्मचारी अधिक नाराज हो गए है।
इधर, छठ की छुट्टियां रद्द होने को लेकर बीजेपी शासित राज्य त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के ओएसडी संजय मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक और तुगलकी फरमान जारी किया है। संजय मिश्रा ने ट्वीट किया कि अब नीतीश कुमार का एक और तुगलकी फरमान! बिहार के सबसे बड़े पर्व छठ_पूजा के दिन कार्यालय खोलने का आदेश। सामान्य दिनों की तरह छठ पूजा के दिन भी निबंधन कार्यालय खुले रखने के बिहार सरकार के आदेश से कर्मचारियों में भारी आक्रोश! इसके साथ ही भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी सवाल उठाते हुए कहा है कि अभी पूरा भारत महापर्व छठ हेतु अपने घर की ओर जा रहा है लेकिन बिहार मे कार्यरत नीतीश सरकार के कर्मचारी छठ पर्व नहीं मना पायेंगे। आस्था पर चोट और अहंकार का इससे बड़ा प्रतीक कुछ नहीं हो सकता। इससे बड़ा दुख और क्या होगा कि ये कर्मचारी घर में रहकर भी छठ पूजा में शामिल नहीं हो पाएंगे।
वहीं, भाजपा विधयाक सह बिहार सरकार के पूर्व मंत्री जीवेश कुमार ने कहा कि सरकार ऐसी कौन सी आर्थिक तंगी से गुजर रही है जो उसे छठ पर्व के दिन भी निबंधन कार्यलय खोलना पर रहा है, एक दिन के कार्य से कितना राजस्व आ जायेगा। उन्होंने कहा कि छठ पर्व में देश दुनिया से अवकाश लेकर लाखो लोग बिहार आते है ऐसे में यह स्पष्ठ दिखाता है। कि सरकार निबंधन विभाग के अपने ही कर्मचारियों का उत्पीड़न करना चाह रही है। इसके साथ ही कई अन्य लोगों से इसको लेकर सवाल उठाये है। बहरहाल, अब देखना यह है कि कर्मचारियों में दिख रहे आक्रोश को मद्देनजर रखते हुए बिहार सरकार के तरफ से यह आदेश वापस लिया जाता है या फिर सरकार अपने इस निर्णय पर टिकी रहती है।