सुशील मोदी का बड़ा हमला, कहा- नीतीश को किसी ने भाव नहीं दिया, विपक्षी एकता का गुब्बारा फुस्स हो गया

सुशील मोदी का बड़ा हमला, कहा- नीतीश को किसी ने भाव नहीं दिया, विपक्षी एकता का गुब्बारा फुस्स हो गया

PATNA: पीएम पद को लेकर एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी बात रखी है। उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि वे प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं। नीतीश कुमार के इस बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को किसी ने भाव नहीं दिया है विपक्षी एकता का गुब्बारा फुस्स हो चुका है। सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा चाहती है कि अगला चुनाव पीएम मोदी बनाम राहुल गांधी हो। आगे उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार पहले प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षा में एनडीए को छोड़ दिये, नारे लगवाये लेकिन अब कह रहे हैं कि वे इस रेस में ही नहीं है।


शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर कह दिया कि वे पीएम पद के दावेदार नहीं है। इस पद के लिए कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी का नाम प्रस्तावित करने में कोई बुराई नहीं है पर यह सब विपक्षी दलों की बैठक में तय होनी चाहिए। इसी बात के लिए तो हम विपक्षी दलों की बैठक आयोजित करने के लिए प्रयासरत है।


बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को विपक्ष का कोई दल भाव नहीं दे रहा है, इसलिए हताश होकर खुद को पीएम-पद की रेस से बाहर बता रहे हैं। वे तीन महीने से दिल्ली नहीं गए और जिनसे मिल कर आए थे, उनमें से किसी ने पलट कर पूछा नहीं। 


उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा के दबाव में एनडीए से नाता तोड़ा, स्वयं को पीएम प्रोजेक्ट करने वाले नारे लगवाये और बिहार की तरह देश का नेतृत्व करने के इरादे जहिर करने वाले होर्डिग तक लगवाये। अब कह रहे हैं कि  वे इस स्पर्धा में नहीं हैं। यह दोहरापन लोग देख रहे हैं।


सुशील मोदी ने 2024 के संसदीय चुनाव में राहुल गांधी को पीएम-प्रत्याशी बनाने की मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की राय का स्वागत किया और कहा कि भाजपा भी चाहती है कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और  राहुल गांधी के बीच सीधा मुकाबला हो। नीतीश कुमार को कोई स्वीकार नहीं करेगा। 


उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को न राहुल गांधी ने अपनी यात्रा में बुलाया, न सोनिया गांधी को पंजाब चुनाव के  बाद मिलने का वक्त देने की बात याद रही। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को भी पद ग्रहण किये दो महीने हो गए, लेकिन नीतीश कुमार को बुलावा नहीं आया। नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता का जो गुब्बारा उड़ाया था , वह फुस्स हो चुका है। ममता बनर्जी , केसीआर, केजरीवाल-सबने हाथ खींच लिए। अखिलेश यादव, मायावती, जयंत चौधरी राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं। केजरीवाल किसी दल से गठबंधन या तालमेल करने को तैयार नहीं। जनता परिवार की एकता के प्रयास भी विफल रहे।