PATNA : बिहार में नई सरकार के गठन के बाद लगातार नए दावे और वादे किए जा रहे हैं। नीतीश कुमार मिशन 2024 के रास्ते पर हैं तो बीजेपी के खिलाफ तेजस्वी बड़े संघर्ष का ऐलान कर चुके हैं। बिहार के मुख्यमंत्री हो या उपमुख्यमंत्री सबके सामने राजनीतिक चुनौतियां हैं लेकिन राजधानी पटना के लोगों के सामने इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती कचरा और साफ-सफाई बनी हुई है। दरअसल पटना नगर निगम के सफाईकर्मियों की हड़ताल को 10 दिन हो चुके हैं। 5 साल पुराना हड़ताल का रिकॉर्ड टूट चुका है। राजधानी में हर जगह कचरे का अंबार लगा है लेकिन सरकार का नेतृत्व करने वाले चेहरे इसपर कोई ठोस पहल करते नजर नहीं आ रहे हैं। मसला पटना नगर निगम से जुड़ा हुआ है लेकिन नगर विकास एवं आवास विभाग डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पास है। इसके बावजूद सफाई कर्मियों की हड़ताल कराने का प्रयास उनके स्तर से नहीं हो रहा।
हड़ताली सफाईकर्मियों से सरकार की वार्ता 3 दफे विफल हो चुकी है। निगम के सफाईकर्मी अपनी सेवा स्थायी करने की मांग पर अड़े हुए हैं। खास बात यह है कि संघर्ष समिति से जुड़े नेताओं में कांग्रेस के लोग शामिल हैं इसके बावजूद पटना के लोगों के साथ ज्यादती की जा रही है। कांग्रेस मौजूदा सरकार में शामिल है और कांग्रेस से ही जुड़े नेता हड़ताल पर गए सफाईकर्मियों के नेतृत्व के तौर पर खड़े हैं। ऐसे में सरकार अगर चाहे तो हड़ताल खत्म कराने के लिए ठोस पहल कर सकती है लेकिन कूटनीतिक तौर पर इसका कोई प्रयास होता नहीं दिख रहा है।
आने वाले दिनों में पटना नगर निगम चुनाव को देखते हुए अब निवर्तमान पार्षद सफाईकर्मियों के समर्थन में सामने आने लगे हैं। इसके पीछे उनका अपना मकसद है। हर स्तर पर राजनीति हो रही है लेकिन पटना के लोग साफ सफाई और कचरे को लेकर बड़ी परेशानी का सामना कर रहे हैं। राजधानी पटना की हालत से नारकीय हो चुकी है। ऐसे में पटना के लोग यह सवाल भी पूछने लगे हैं कि क्या इसी बिहार मॉडल के जरिए नीतीश कुमार दिल्ली में 2024 का किला फतह करेंगे?