नीतीश नहीं दिखा पायेंगे दिल्ली के राजपथ पर अपने शराबबंदी की झांकी: रिपब्लिक डे परेड में बिहार की झांकी को मंजूरी नहीं

नीतीश नहीं दिखा पायेंगे दिल्ली के राजपथ पर अपने शराबबंदी की झांकी: रिपब्लिक डे परेड में बिहार की झांकी को मंजूरी नहीं

PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि शराबबंदी की उनकी मुहिम ने पूरे देश में क्रांति पैदा कर दिया है. बिहार की कौन कहे देश के कई दूसरे राज्यों से लोग उन्हें शराबबंदी के पक्ष में मुहिम चलाने के लिए बुला रहे हैं. लेकिन इसे क्या कहें कि उन्हें रिपब्लिक डे यानि गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के राजपथ पर शराबबंदी की अपनी कहानी को झांकी के जरिये दिखाने का मौका नहीं मिलेगा. 


बिहार सरकार की झांकी को मंजूरी नहीं


दिल्ली के राजपथ पर रिपब्लिक डे परेड में सिर्फ 16 दिन बचे हैं. लेकिन बिहार सरकार को केंद्र सरकार से बिहार की झांकी की मंजूरी के बारे में कोई खबर नहीं मिली है. लिहाजा बिहार सरकार के अधिकारी अब मान चुके हैं कि गणतंत्र दिवस परेड में इस दफे भी बिहार की झांकी नजर नहीं आयेगी. ये लगातार छठा साल होगा, जब बिहार की झांकी दिल्ली के गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं होगी.  पिछली बार 2016 में राज्य की झांकी प्रदर्शित हुई थी.


शराबबंदी की कहानी दिखाना चाह रहे थे नीतीश


दरअसल, राज्य सरकार से पिछले साल ही केंद्र सरकार ने झांकी को लेकर प्रस्ताव मांगा था. बिहार सरकार ने प्रस्ताव भेज दिया था. विषय था-गांधी के पद्चिह्नों पर अग्रसर बिहार. गांधी के सहारे नीतीश मुख्य रूप से अपनी शराबबंदी की मुहिम को दिखाना चाह रहे थे. वे अपनी सभाओं में लगातार कहते भी रहे हैं कि महात्मा गांधी से प्रेरित होकर उन्होंने शराबबंदी का फैसला लिया है. वैसे बिहार की झांकी में शराब के अलावा नीतीश कुमार के समाज सुधार अभियान के दूसरे मुद्दे भी शामिल होते. नीतीश अपनी समाज सुधार यात्रा में बाल विवाह और दहेज की समाप्ति की भी बात कह रहे हैं. मुख्यमंत्री के इन्हीं विषयों पर झांकी का प्रस्ताव दिया गया था.


केंद्र ने नहीं दी मंजूरी


दरअसल, दिल्ली में होने वाले गणतंत्र दिवस परेड के लिए झांकियों का चयन केंद्र सरकार का रक्षा मंत्रालय करता है. रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल सितंबर महीने में ही सभी राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर झांकी का प्रस्ताव भेजने को कहा था. बिहार सरकार के अधिकारियों के मुताबिक 27 सितंबर तक प्रस्ताव भेजने को कहा गया था औऱ बिहार से नियत समय पर प्रस्ताव चला गया था. चूंकि पिछले कई सालों से बिहार की झांकी को रिपब्लिक डे परेड में शामिल होने का मौका नहीं दिया गया था लिहाजा इस दफे मंजूरी मिलने की उम्मीद थी. लेकिन मंजूरी नहीं मिली.


बिहार के लिए झांकी तैयार करने का जिम्मा बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को मिलता है. सूचना एवं जन संपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रस्ताव को मंजूर करने या रिजेक्ट करने की कोई जानकारी केंद्र सरकार से नहीं मिली है. लेकिन अगर अब मंजूरी मिल भी जाये तो इतने कम समय में झांकी तैयार करना संभव नहीं है. 


बिहार सरकार की झांकी आखिरी दफे 2016 में रिपब्लिक डे परेड में शामिल हुई थी. महात्मा गांधी की चंपारण यात्रा के सौ साल पूरे होने पर बिहार सरकार ने झांकी बनायी थी, जिसे गणतंत्र दिवस परेड में शामिल किया गया था. उसके बाद रक्षा मंत्रालय ने बिहार सरकार से प्रस्ताव तो हर साल मांगा लेकिन मंजूरी नहीं मिली.