नीतीश ने सरकारी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के कार्यक्रम को बनाया चुनावी सभा: प्रधानमंत्री-गृहमंत्री को तू-तड़ाक, विपक्षी एकता का गुणगान

नीतीश ने सरकारी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के कार्यक्रम को बनाया चुनावी सभा: प्रधानमंत्री-गृहमंत्री को तू-तड़ाक, विपक्षी एकता का गुणगान

PATNA: बिहार में अब सरकारी कार्यक्रमों में लोकतांत्रिक और संवैधानिक मर्यादायें तार-तार हो रही हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बिहार के सरकारी इंजीनियरिंग और पॉलिटेकनिक कॉलेज के नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के लिए बुलाकर समझाया- “जो 21 साल से 22 साल से राजनीति में आया है, उ लोग दू गो अपना ही नाम खाली लेता है. कोई का नाम, अपने पार्टियों का नाम नही लेता है. कोई काम किया है ये लोग जो 9 साल से है. इसलिए याद रखियेगा. आप लोग पढ़ते हैं और पढ़ाते हैं.” 


बता दें कि बिहार सरकार ने सूबे के इंजीनियरिंग कॉलेजों में 269 सहायक प्राध्यापक और पॉलिटेकनिक कॉलेजों में 146 लेक्चरर की नियुक्ति की है. कुल 415 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के लिए पटना में बड़ा जलसा हुआ. नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव से लेकर अन्य मंत्री मौजूद थे. मौका सरकारी शिक्षकों की नियुक्ति का था. लेकिन नीतीश का भाषण ऐसा था मानो चुनावी सभा को संबोधित कर रहे हों. 


केंद्र वाला कोई काम किया है? 

नीतीश ने शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के कार्यक्रम में जो भाषण दिया उसे हम शब्दश: आपके सामने रखने की कोशिश कर रहे हैं. पढ़िये नीतीश क्या बोले “यहां पर जो भी काम हुआ है, वो कोई काम किया है ये लोग जो 9 साल से है. यहां कौन काम किया है. इ सब काम जो हमलोग करते रहते हैं, इसी को केंद्र में पॉलिसी बना लेता है. सोच रहा था कि इसी को हम लागू कर दें ताकि सब समझे कि केंद्रे से हुआ है. त हम लोग जो काम करते हैं उसके बारे में कोई चर्चा करता है. इ लोग जो पत्रकार लोग आ गये हैं, ये लोग कुछ भेजेंगे तो छापेगा. इ सब पर कब्जा कर लिया है केंद्र वाला. कुछ नहीं छापता है उन्हीं का बात छापता है. त इसलिए ये सब बात होती है कि कौन चीज है, कौन काम कर रहा था.”


प्रधानमंत्री-गृह मंत्री के लिए क्या बोले

नीतीश कुमार ने शिक्षकों की सभा में कहा- “अब इ लोग अपना नामो लेता है जी. न बापू को इ लोग कुछ नाम लेता है. अ जब इ लोग अपने पार्टिया का है त ये भी क्या लेता है. श्रद्धेय अटल जी का भी नेता लेता है ? अटल बिहारी वाजपेयी जी का. बढ़िया काम किये थे, हम लोग साथ में थे. उनका भी नाम नहीं लेता है. किसी का नाम लेता है? नहीं लेता है. मुरली मनोहर जोशी का नाम लेता है? इ जान लीजिये ये किसी का नाम नहीं लेगा. अ जो 21 साल से 22 साल से राजनीति में आया है, उ लोग दू गो अपना ही नाम खाली लेता है. कोई का नाम, अपने पार्टियों का नाम नही लेता है. 


नीतीश बोले- “पहले जो लोग बिहार में था, हमरे साथ था, ठीक-ठाक था. आज कल मेरे खिलाफ बोलता है. इसलिए खिलाफ बोलता है कि हम बोल रहे हैं खिलाफ. ताकि जो केंद्र में है उ माने कि नहीं ये ठीक है. उसको जगह मिले. किसी को मिल रहा है? इ सब सोच लीजिये, कौन टाइप का सरकार चल रहा है. क्या स्थिति है, इसलिए हम लोग त इस सब पर कोई ध्यान नहीं. हम लोग का काम है कि हम लोग काम करेंगे, लोगों की सेवा करेंगे. 


नीतीश का ये भाषण सरकारी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के समारोह का है. मुख्यमंत्री वहीं चुप नहीं हुए-“हम लोग जो काम करते हैं उसका कोई प्रचार नहीं न हो पायेगा. लेकिन जनता को पता है न जी. अब नयी टेक्नोलॉजी आ गयी है उसके चलते सब मोबाइलबे देखते रहता है. उसी के चलते इधर से उधर जो भी हो लेकिन काम हम लोग कितना कर दिये. बिहार में जो काम शुरू हुआ है, देश छोड़िये, दुनिया में कहीं नहीं था. साइकिल दिया लड़कियों को, कहां था पहले जी. त कौन कौन काम हमलोग नहीं किये हैं.”


शिक्षकों को कहा-हमारा काम याद रखियेगा

नीतीश कुमार ने नव नियुक्ति शिक्षकों को कहा-“त इसलिए याद रखियेगा. आप लोग पढ़ते हैं और पढ़ाते हैं. कुछ चीजें जो सरकार द्वारा की गयी है लोगों के हित में. अपने हित में नहीं किये हैं. आज कल जो राज में हैं वे अपने हित में काम करते हैं, लोगों के हित में कोई काम नहीं करते हैं. और हम लोग अपने हित में एक शब्द नहीं बोलेंगे, जो करेंगे लोगों के हित में करेंगे.” 


विपक्षी एकता का भी गुणगान

शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के कार्यक्रम में नीतीश विपक्षी एकता का जिक्र करना नहीं भूले. इसके लिए उन्होंने पत्रकारों का सहारा लिया. नीतीश कुमार ने पत्रकारों को कहा “हम पत्रकार लोगों को हाथ जोड़ कर बराबर प्रार्थना करते हैं. अब तो मोबाइलवा आ गया है न जी. मान लीजिये कि आपका बतबा नहीं छापता है त मोबाइलबे पर लिख दीजिये. त सबको पता चल जायेगा कि क्या क्या बात हुआ है. इसलिए अनुरोध है-मानियेगा त मानियेगा, नहीं मानियेगा त क्या है?  हम आपके पक्ष में है इ बात जान लीजिये. अ एक बार जो हम लोग कोशिश कर रहे हैं. बहुत दलों को एक करने के चक्कर में. इ हो जायेगा, ये लोग चले जायेंगे तो आपका सम्मान और बढ़ेगा. खूब आगे बढ़ियेगा. याद रखिये. और काम सब त होबे करेगा.”