नीतीश ने की बिहार की तेरहवीं, विजय सिन्हा बोले- पिकनिक यात्रा से पहले समीक्षा करें सीएम

नीतीश ने की बिहार की तेरहवीं, विजय सिन्हा बोले- पिकनिक यात्रा से पहले समीक्षा करें सीएम

PATNA  : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगमी 5 दिसंबर से राज्य की यात्रा पर वापस से निकलने वाले हैं।  वैसे इनकी इस यात्रा को अनौपचारिक तौर पर समाज सुधार यात्रा की संज्ञा दी गई है। इस दौरान वह सीएम बिहार कि जनता से अपनी सरकार और योजनायों को लेकर फीडबैक लेंगे। वहीं, इनकी इस यात्रा को लेकर विपक्ष के तरफ से लगातार हमला बोला जा रहा है। इसी कड़ी में अब एक बार फिर से बिहार विधानसभा के नेता विरोधी दल विजय कुमार सिन्हा ने भी  इसको लेकर बड़ा बयान दिया है। 


बिहार विधानसभा के नेता विरोधी दल विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि, बिहार के मुख्यमंत्री 13 बार यात्रा कर चुके हैं और वो बिहार का तेरहवां कर चुके हैं। बिहार के लोग तो यह जानते ही हैं कि तेरहवां कब होता है। उनको यह समझ लेना चाहिए की तेरहवां के बाद सबकुछ खत्म हो जाता है। उन्होंने यह समझना चाहिए कि उनके ही गठबंधन के एक बड़े नेता कह चुके हैं कि, यदि पहले का यात्रा उपयोगी होता तो वापस से इसकी जरूरत नहीं होती। इसलिए अब आप यात्रा के नाम पर पिकनिक मत मनाइये। 


इसके आगे उन्होंने कहा कि, बिहार के सीएम को सही मायने में किसी चीज़ की समीक्षा करना है तो अपराध, शराबबंदी, भ्रष्टाचार पर करें। आज जिस तरह शराबबंदी के कारण थाने की मिली भगत से शराबमाफिया पैदा ले रहे हैं उसकी समीक्षा करनी चाहिए। लेकिन, इनको यह सबकुछ समझ में ही नहीं आता है।इसलिए अब इनको अपनी इस पिकनिक यात्रा को बंद कर देना चाहिए, इससे कोई भी फायदा नहीं होने वाला है। 


इसके आलावा उन्होंने नए साल के आगमन से एक रात पूर्व राज्य सरकार के सभी मंत्रियों के तरफ से दिए गए संपत्ति ब्योरा को लकेर भी कहा कि, यह फर्जी आकड़ा बिहार के जनता के सामने पेश कर उसको बरगलाया जा रहा है। यह एक तरह से खानापूर्ति है। बिहार में विधायक के रूप में सबसे अधिक संपत्ति मेरे पास बताई गई थी।  लेकिन, आज के मंत्री अपनी संपत्ति  को छुपा रहे हैं।  यह जनता से मजाक किया जा रहा है। 

 

गौरतलब हो कि, साल 2022 के आखिरी दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत कैबिनेट के सभी मंत्रियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा जारी किया है। नीतीश सरकार के मंत्रियों की तरफ से जो संपत्ति ब्योरा दिया गया है उसके मुताबिक कुछ गिने - चुने मंत्रियों की बात छोड़ दें तो किसी भी मंत्री की संपत्ति 5 करोड़ से अधिक नहीं होगी।  सबसे बड़ी बात तो यह है कि, खुद राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुखमंत्री की संपत्ति उनके कैबिनेट में शामिल अन्य मंत्री की तुलना में बेहद कम है।