ब्रेकिंग न्यूज़

Amul Milk Price Hike: आज से दूध हुआ महंगा, अमूल ने बढ़ाई कीमत,जानें..... Rules Change : आज से देश के अंदर हो रहे कई बड़े बदलाव, आपके जेब पर भारी पड़ेंगे ये बदलाव; पढ़िए यह खबर Caste census: तो क्या डिजिटल जनगणना करवाएगी मोदी सरकार, डेडलाइन फाइनल BIHAR TEACHER NEWS: सरकारी स्कूलों के हेडमास्टर और प्रिंसिपल साहब को लगा झटका,अब नहीं कर सकेंगे यह काम ; ACS ने जारी किया आदेश Bihar weather: बिहार में 2 मई तक भीषण आंधी-पानी का दिखेगा प्रकोप, IMD ने जारी किया अलर्ट 'कल्याण ज्वेलर्स' के नाम पर फर्जी सोने-चांदी की दुकान चलाने वाले पर चला प्रशासन का डंडा, बांड भरवाकर दुकानदार से बैनर हटवाया Bihar News: अवैध मेडिकल दुकानों और क्लिनिक संचालकों के खिलाफ प्रशासन का बड़ा अभियान, कई लोग हिरासत में बिहार का 'पुष्पा' निकला संजीव मुखिया, पत्नी को MP और MLA बनाने के लिए किया पेपर लीक Bihar Crime News: भीड़ ने पीट-पीटकर ले ली युवक की जान, एक ग़लतफ़हमी और हो गया बड़ा कांड राज्यसभा के उप सभापति से मिले अजय सिंह, महुली खवासपुर-पीपा पुल के पक्कीकरण की मांग

नीतीश ने जनता को भगवान भरोसे छोड़ा: कुशवाहा बोले- बिहार में राष्ट्रपति शासन की मांग पूरी तरह से जायज

1st Bihar Published by: Tahsin Ali Updated Fri, 14 Jul 2023 03:06:52 PM IST

नीतीश ने जनता को भगवान भरोसे छोड़ा: कुशवाहा बोले- बिहार में राष्ट्रपति शासन की मांग पूरी तरह से जायज

- फ़ोटो

PURNEA: बिहार के ताजा राजनीतिक हालात पर राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष और भारत सरकार के पूर्व मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने गहरी चिंता जताई है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि राज्य में जिस तरह के हालात उत्प्पन हो गए हैं वैसे में अगर बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग हो रही है तो वह पूरी तरह से जायज है। नीतीश कुमार ने बिहार की जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। ऐसे में कोई वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर राष्ट्रपति शासन लगाना राज्य के हित में होगा।


दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा शुक्रवार को पार्टी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूर्णिया पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्हें विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार की जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। नीतीश कुमार का अब बिहार के किसी सरकारी काम में मन नहीं लग रहा है। मुख्यमंत्री खुद कहते हैं कि अब उनकी कोई रूची नहीं रह गई है लेकिन इसका ये मतलब नहीं हुआ कि जनता को बीच मझधार में छोड़ दें। पांच साल के लिए जनता ने उन्हें राज्य की बागडोर दी। पांच साल जबतक पूरा नहीं होता है तबतक उन्हें जिम्मेवारी निभानी चाहिए थी लेकिन अपने दायित्व को निभाने के बजाए बिहार की जनता को सीधे छोड़ दिया। ऐसे में राष्ट्रपति शासन ही सही रास्ता है। अगर राष्ट्रपति शासन की मांग हो रही है तो वह उचित मांग है।


वहीं पटना में बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज पर कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी कह रही है कि लाठीचार्ज में उनके कार्यकर्ता की मौत हुई है जबकि सरकार का कहना है कि लाठीचार्ज के वक्त वे वहां मौजूद नहीं थे, इसमें अब क्या तथ्य सामने आते हैं यह देखना होगा लेकिन वहां लाठीचार्ज की घटना हुई है और पुलिस की तरफ से जब लाठीचार्ज किया जाता है तो किसको कितनी चोट आएगी और कहां लाठी पड़ेगी इसको लोग नहीं देखते हैं और आंख बंद करके लाठी बरसाई जाती है। ऐसी परिस्थिति में किसी की मौत हो जाए यह अस्वभाविक नहीं है।


कुशवाहा ने कहा कि बिहार के लोगों ने कभी नीतीश कुमार पर भरोसा किया था और राज्य की बागडोर उनके हाथों में सौंपा था लेकिन जब नीतीश कुमार की खुद की राजनीति की विदाई का समय आ गया तो उसके बाद नीतीश बिहार को फिर से वहीं पहुंचाने की बात करने लगे, जहां से बाहर लाने के लिए बिहार की जनता ने उन्हें आशीर्वाद दिया था। नीतीश कुमार ने जेडीयू को पूरी तरह से आरजेडी के हाथों गिरवी रख दिया है। जिसके बाद से उस दल के लोगों को महसूस हो रहा है कि उनके नेता ने ही आरजेडी के सामने जब सरेंडर कर दिया तो ऐसी परिस्थिति में पार्टी कैसे चल सकती है। 


आरएलजेडी अध्यक्ष ने कहा कि जेडीयू में जो लोग हैं वे अब धीरे धीरे वहां से हट रहे हैं और बिहार की जनता का नीतीश से मोहभंग हो चुका है। कोई नहीं चाहता है कि बिहार फिर से उस खौफनाक मंजर वाली स्थिति में जाए। आरजेडी के लोग अभी आधा अधूरा शासन में हैं लेकिन सरकार में सिर्फ आरजेडी की ही चल रही है। आरजेडी के लोग जो चाहते हैं वहीं हो रहा है और इसका नतीजा भी सामने दिख रहा है। राज्यभर में हत्या,लूट अपहरण की घटनाएं हो रही है। पहले की तरह फिर से बिहार में अपराध की घटनाएं शुरू हो गई हैं और यह सब सिर्फ नीतीश कुमार के भटकाव के कारण हुआ है।


वहीं अगुवानी पुल ध्वस्त होने पर कुशवाहा ने कहा कि जब पुल के डिजाइन में ही फॉल्ट था तो पुल बनाने में इतना पैसा क्यों बर्बाद किया गया। एक बार पुल गिरा उसके बाद काम को नहीं रोका गया और दोबारा से पुल के निर्माण का जिम्मा उसी एजेंसी को दे दिया गया। कुल मिलाकर आराजक स्थिति हो गई है, जिसको जहां मन कर रहा है लूट रहा है। गनीमत रही कि पुल उद्घाटन के पहले ही ध्वस्त हो गया अगर उद्घाटन के बाद ध्वस्त होता तो कितना पड़ा हादसा हो सकता था।