PATNA : नीतीश कुमार ने LJP अध्यक्ष चिराग पासवान की हैसियत बता दी है. चिराग पासवान ने दरोगा बहाली को लेकर जिन पर गंभीर आरोप लगाये थे, सरकार ने उनका कार्यकाल तीन साल और बढ़ा दिया है. सरकार ने दरोगा बहाली में गड़बड़ी को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे युवाओं को भी नकार दिया है.
BPSSC के अध्यक्ष और सभी सदस्यों को 3 साल का सेवा विस्तार
बिहार सरकार ने आज अधिसूचना निकाली है. इसमें दरोगा की बहाली करने वाली सरकारी संस्था बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग(BPSSC) के अध्यक्ष समेत 4 सदस्यों का कार्यकाल तीन साल और बढ़ा दिया है. आयोग के अध्यक्ष और रिटायर IPS सुनीत कुमार का कार्यकाल इसी साल 4 अप्रैल को समाप्त हो रहा था.वहीं सदस्य सचिव वरूण कुमार सिन्हा के कार्यकाल की समाप्ति भी 4 अप्रैल को ही होनी थी. वहीं दो सदस्य ए. के. प्रसाद और अनवर हुसैन का कार्यकाल इसी मार्च में खत्म होना था. लेकिन राज्य सरकार ने सभी को तीन साल और काम करने का आदेश जारी कर दिया है.
चिराग पासवान को दिखा दी गयी हैसियत
गौरतलब है कि 24 फरवरी को चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दरोगा बहाली पर चिट्ठी लिखी थी. चिराग ने कहा था कि इसके पर्याप्त सबूत हैं कि दरोगा बहाली में गड़बड़ी हुई है. लिहाजा न केवल दरोगा बहाली करने के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिये बल्कि इस मामले की सीबीआई जांच करायी जानी चाहिये. चिराग ने दरोगा बहाली में गडबड़ी के खिलाफ आंदोलन करने वाले युवाओं पर दर्ज FIR को वापस लेने की भी मांग की थी.
चिराग पासवान के पत्र लिखने के 3 बाद ही सरकार ने उन्हें बिना कुछ कहे ही जवाब दे दिया है. सरकार के सूत्रों की मानें तो चिराग के पत्र के बाद ही BPSSC के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल बढाने का फैसला लिया गया. जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चिराग पासवान के बयानों से खासे खफा हैं और वे उनका नोटिस लेने के मूड में नहीं हैं.
उधर सरकार ने दरोगा अभ्यर्थियों की शिकायत को भी नकार दिया है. गौरतलब है कि पिछले कुछ महीने से सूबे के हजारों दरोगा अभ्यर्थी बहाली में गड़बडी की शिकायत को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने सरकार को वो सबूत भी सौंपे हैं जिससे दरोगा बहाली में गडबडी के आरोपों को बल मिल रहा है. अभ्यर्थियों का कहना है कि उन सबूतों से स्पष्ट है कि दरोगा बहाली में बडे पैमाने पर धांधली की गयी है.
हालांकि बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग इन आरोपों को नकार चुका है. उसने दरोगा बहाली की अपनी प्रक्रिया जारी रखी है. आयोग ने बकायदा नोटिस जारी कर सारे आरोपों को झूठ का पुलिंदा बताया है.