PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने बिहार को स्पेशल स्टेटस दिए जाने का मुद्दा एक बार फिर से उठाया है. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में नीतीश कुमार ने विशेष राज्य के दर्जे का सवाल उठाते हुए एक बार फिर से बिहार का पिछड़ापन दूर करने के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने का आग्रह किया है. भुवनेश्वर में आयोजित बैठक में नीतीश कुमार ने कहा है कि विकास के मामले में बिहार लगातार आगे बढ़ रहा है लेकिन अगर राज्य को विशेष राज्य का वाजिब हक मिले तो देश की प्रगति में बिहार अपना बड़ा योगदान दे सकेगा.
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में नीतीश कुमार ने इसके अलावे बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड के तहत बिहार को आवंटित की गई राशि में से बकाया 911 करोड़ की राशि का भुगतान किए जाने की मांग भी रखी है. नीतीश कुमार ने बिहार को लेकर कई योजनाओं की धीमी रफ्तार पर भी चिंता जताई है. महानंदा सिंचाई योजना, तिलैया ढाढ़र परियोजना, बटाने जलाशय योजना, धनराजै जलाशय योजना के साथ नीतीश कुमार ने बैठक में गंगा की अविरलता बनाए रखने के लिए सिल्ट को निकाले जाने का मामला भी फिर से उठाया है.
बैठक में नीतीश कुमार ने झारखंड से पेंशन को लेकर देनदारी और शराबबंदी को सफल बनाने के लिए झारखंड से लगने वाली सीमा पर तलाशी को और सघन किए जाने की मांग रखी है. बिहार को धार्मिक रूप से संवेदनशील बताते हुए गृहमंत्री से आग्रह किया है कि राज्य में रैपिड एक्शन फोर्स का मुख्यालय बनाया जाए. नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स को जमशेदपुर से बुलाना पड़ता है लिहाजा बिहार में इसका एक मुख्यालय बनना चाहिए.