PATNA : कोरोना महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. उस पर नीतीश कुमार ने 5 दिन बाद आज मंथन किया. आर्थिक पैकेज के एलान के 5 दिन पूरे होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज इस पर विस्तार से विचार विमर्श किया है. राज्य सरकार ने तय किया है कि आर्थिक पैकेज का लाभ बिहार कैसे ज्यादा से ज्यादा ले पाए, इसको लेकर तुरंत नीति बनाई जानी चाहिए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मनरेगा में अधिकतम श्रम दिवस की सीमा को 100 से बढ़ाकर 200 करने और साथ ही साथ स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के बीमा से संबंधित तिथि को बढ़ाए जाने की मांग भी केंद्र सरकार से की है. इसके अलावे केंद्र सरकार की तरफ से एग्रीकल्चर मार्केटिंग रिपोर्ट को लेकर जो नीति तय की गई है, उसमें 2006 में खत्म की गई एपीएमसी के मॉडल को बहाल करने के फैसले का स्वागत किया है. इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने जीविका समूह के द्वारा कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देने की जरूरत बताई है.
केंद्र की तरफ से जारी किए गए आर्थिक पैकेज पर चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने बिहार सरकार के उस लक्ष्य की याद दिलाई है. जिसमें यह तय किया गया था कि हिंदुस्तान की थाली में बिहार का एक व्यंजन जरूर हो. मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस लक्ष्य को मखाना पूरा कर सकता है. कृषि रोड मैप का लक्ष्य मखाना के साथ-साथ शाही लीची और शहद प्रोडक्शन के क्षेत्र में असीम संभावनाओं के साथ पूरी की जा सकती हैं.