जल्द ही हो जायेगा 12 MLC का मनोनयन, नीतीश कुमार बोले- केंद्र सरकार में जेडीयू के शामिल होने पर कोई बात नहीं हुई

जल्द ही हो जायेगा 12 MLC का मनोनयन, नीतीश कुमार बोले- केंद्र सरकार में जेडीयू के शामिल होने पर कोई बात नहीं हुई

PATNA : बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद बीजेपी-जेडीयू के बीच राज्यपाल कोटे से 12 MLC  के मनोनयन का मामला भी सुलझ गया है. पिछले 9 महीने से ये मामला फंसा हुआ है. नीतीश कुमार ने कहा कि अब एमएलसी के मनोनयन में ज्यादा लेट नहीं होगा. नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू के शामिल होने की खबरों को फिर खारिज करते हुए कहा कि इस संबंध में उनकी बीजेपी से कोई बात नहीं हुई है.


अब हो जायेगा एमएलसी का मनोनयन
दिल्ली से पटना लौटे नीतीश कुमार ने कहा कि राज्यपाल कोटे से 12 एमएलसी के मनोनयन पहले ही हो जाना चाहिये था. देर हुई लेकन अब हो जायेगा. नीतीश कुमार ने कहा “ये तो और पहले भी हो जाता. लेकिन चलिये कोई बात नहीं है. अब हो जायेगा. हमको लगता है कि अब इसमें कोई ज्यादा बिलंव नहीं होगा.”


जाहिर है बीजेपी और जेडीयू के बीच एमएलसी मनोनयन को लेकर मामला सुलझ गया है. ये मामला भी मंत्रिमंडल विस्तार की तर्ज पर फंसा हुआ था. फिलहाल बीजेपी ने मंत्रिमंडल के विस्तार पर सहमति दी. लेकिन बीजेपी अपने कोटे से मनोनीत होने वाले एमएलसी का नाम भी तय कर चुकी है. लिहाजा 12 विधान पार्षदों के मनोनयन का मामला भी जल्द ही सुलझ जायेगा.


जानकारों की मानें तो मामला इस बात पर फंसा है कि 12 विधान पार्षदों में से किसका कितना शेयर होगा. बीजेपी का दावा था कि विधायकों की संख्या के आधार पर मनोनयन होना चाहिये. लेकिन जेडीयू का कहना था कि पिछले साल मई में ही मनोनयन होना था. कोविड और चुनाव के कारण इसे टाला गया. अगर विधायकों की संख्या के आधार पर ही हिस्सेदारी मिलनी है तो फिर 2020 के मई में जिसके जितने विधायक थे उसी आधार पर मनोनयन होना चाहिये. सूत्रों के मुताबिक 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी पर बात बन गयी है.


केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू शामिल नहीं होगा
उधर नीतीश कुमार ने आज फिर इस संभावना से इंकार कर दिया कि जेडीयू केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने जा रही है. नीतीश कुमार ने कहा कि इस बारे में उनकी कोई बातचीत प्रधानमंत्री या बीजेपी के दूसरे नेताओं से नहीं हुई है. जाहिर है जेडीयू के नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में एंट्री की फिलहाल संभावना नहीं है. दरअसल 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के दौरान ही जेडीयू को राज्य मंत्री के एक सीट का ऑफर दिया गया था. लेकिन नीतीश कुमार कैबिनेट मंत्री समेत कम से कम दो मंत्री पद मांग रहे थे. बीजेपी ने जब कोई नोटिस नहीं लिया तो नीतीश ने एलान किया था कि अब उनकी पार्टी नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी.