PATNA: बिहार का घोटालों से तो पुराना रिश्ता रहा है. अब एक अनोखा घोटाला फिर सामने आया है. बिहार के महादलितों के बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के नाम पर घोटाला हुआ है. इस घोटाले के मास्टर माइंड कई आईएएस अधिकारी है. इसको लेकर विजिलेंस ने बुधवार को केस दर्ज कराया है. गरीब बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने को लेकर सीएम नीतीश कुमार को जोर दे रहे थे, लेकिन उनके अधिकारी ही सरकार को चूना लगा रहे थे.
सिर्फ कागज पर कोर्स हो गया पूरा
बताया जा रहा है कि महादलित विकास मिशन को बाकी ट्रेड में ट्रेनिंग के अलावा स्पोकेन इंग्लिश का कोर्स भी कराना था. इसको लेकर फेमस ब्रिटिश लिंगुआ को यह जिम्मा दिया गया था. लेकिन जांच में यह बातें सामने आई की ब्रिटिश लिंगुआ को जिम्मा देने में खासी गड़बड़ी हुई. पूरा कोर्स को सिर्फ कागज पर ही पूरा करा दिया गया. एक ही छात्र के दो-दो नाम, एक ही छात्र के दो रोल नंबर दिया गया है. इस तरह से 7 करोड़ 30 लाख रुपए से अधिक रुपए का चूना लगाया गया है. दर्ज एफआईआर में बताया गया है कि अक्टूबर 2011 में इसको लेकर विज्ञापन निकाला गया था. जिसमें 20 ट्रेड समेत स्पोकेन इंग्लिश भी था. लेकिन इंग्लिश सिखाने वाले का जिम्मा लेने वाले ब्रिटिश लिंगुआ के निदेशक डॉ. बीरबल झा द्वारा मिशन के अधिकारियों के साथ फर्जी कागज तैयार कर कर साल 20212- से लेकर 2016 तक विभाग से पैसा लेता रहा.
इनलोगों पर दर्ज हुआ एफआईआर
विजिलेंस ने घोटाले के आरोप में आईएएस एसएम राजू जो निलंबित के अलावा 3 रिटायर आईएएस अफसरों को आरोपी बनाया गया है. जिसमें राघवेंद्र झा, राज नारायण लाल और रामाशीष पासवान पर केस दर्ज किया गया है. तत्कालीन राज्य परियोजना पदाधिकारी देव जानी कर, ओएसडी अनिल कुमार सिन्हा, मिशन को-ऑर्डिनेटर शशि भूषण सिंह, ओएसडी हरेंद्र श्रीवास्तव, सहायक मिशन निदेशक वीरेंद्र चौधरी तथा ब्रिटिश लिंगुआ के निदेशक डॉ. बीरबल झा पर केस दर्ज किया गया है.