प्रशांत किशोर पर जालसाजी का मुकदमा: ये नीतीश के दो पूर्व सलाहकारों के बीच की लड़ाई है, जानिये पूरा किस्सा

प्रशांत किशोर पर जालसाजी का मुकदमा: ये नीतीश के दो पूर्व सलाहकारों के बीच की लड़ाई है, जानिये पूरा किस्सा

PATNA: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर जालसाजी का मुकदमा कोई सामान्य आपराधिक मामला नहीं है. ये नीतीश कुमार के दो सलाहकारों के बीच का विवाद है. जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराने वाले शाश्वत गौतम हों या आरोपी प्रशांत किशोर, दोनों नीतीश कुमार के सलाहकार रह चुके हैं. 


क्या है प्रशांत किशोर के खिलाफ मुकदमें में 

दरअसल प्रशांत किशोर के खिलाफ पटना के पाटलिपुत्रा थाने में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में उनपर अपने अभियान बात बिहार की के लिए कंटेट की चोरी करने का आरोप लगा है. शाश्वत गौतम ने ये FIR दर्ज कराई है. FIR में शाश्वत गौतम ने एक अन्य युवक ओसामा पर भी आरोप लगाया है. ओसामा पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ सचिव का चुनाव लड़ चुका है. FIR के मुताबिक   शाश्वत गौतम ने 'बिहार की बात' के नाम से अपना एक प्रोजेक्ट बनाया था, जिसे भविष्य में लॉन्च करने की बात चल रही थी. इसी बीच उनके यहां काम करने वाले ओसामा नाम के युवक ने इस्तीफा दे दिया. आरोपों की मानें तो उसी ने शाश्वत गौतम के प्रोजेक्ट बिहार की बात के सारे कंटेंट प्रशांत किशोर के हवाले कर दिए. इसके बाद प्रशांत किशोर ने सारे कंटेंट को अपनी वेबसाइट पर डाल दिया.

कौन हैं शाश्वत गौतम 

मोतिहारी के मूल निवासी शाश्वत गौतम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार रहे हैं. 2015 के चुनाव के बाद जब प्रशांत किशोर नीतीश कुमार का साथ छोड़ कर चले गये थे तो नीतीश ने शाश्वत गौतम को अपने साथ जोडा था. शाश्वत को बिहार सरकार के लिए आर्थिक नीतियां तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया था. लेकिन वे मूल रूप से जेडीयू के लिए रणनीति तैयार कर रहे थे. जेडीयू के प्रेस रिलीज से लेकर मीडिया सेल का काम शाश्वत गौतम के जिम्मे ही था.

लेकिन साल-डेढ़ साल में ही उनका टकराव जेडीयू के कुछ प्रमुख नेताओं से हो गया. लिहाजा उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा गया. उसके बाद शाश्वत गौतम ने 2018 में कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया था. उन्हें कांग्रेस की रिसर्च टीम में डेटा एनालसिस विभाग का को-ओर्डिनेटर बनाया गया था. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने उन्हें किनारे कर दिया. वैसे शाश्वत गौतम डेटा एनालिटिक्स में MBA, फाइनेंस में मास्टर और वाशिंगटन के जार्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के छात्र रह चुके हैं. वे अमेरिका में ही काम कर रहे थे और 2017 में नीतीश कुमार के साथ काम करने के लिए भारत लौटे थे. 

प्रशांत किशोर ने मुकदमा को फर्जी बताया

उधर प्रशांत किशोर ने इस FIR को गिरी हुई हरकत बताया है. प्रशांत किशोर ने कहा कि एक व्यक्ति उनके खिलाफ निराधार आरोप लगा कर प्रसिद्धि पाना चाह रहे हैं. वे पुलिस से उम्मीद करेंगे कि इस पूरे मामले की जल्द जांच करे और सच्चाई को जनता के सामने लाये.