PATNA: गया में रोडरेज की बहुचर्चित घटना में मारे गये व्यवसायी पुत्र आदित्य सचदेवा की हत्या के आरोपियों के रिहा होने के बाद बीजेपी ने नीतीश कुमार से तीखे सवाल पूछे हैं. सुशील मोदी ने कहा है-नीतीश कुमार को बताना चाहिये कि 20 साल के छात्र आदित्य सचदेवा को किसने मारा था. सरकार ने सत्ताधारी दल से जुड़े हत्या के आरोपियों को साफ बरी क्यों करा दिया.
पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार की सरकार सत्तारूढ दल से जुड़े हत्यारे को साफ बरी करा सकती है. आजीवन कारावास पाये बाहुबलियों की रिहाई के लिए कानून बदल सकती है. लेकिन यदि कोई व्यक्ति विपक्षी दल का हो, तो उसकी हत्या को हर्ट अटैक बताने वाली पोस्टमाटर्म रिपोर्ट जारी कर सकती है.
सुशील मोदी ने कहा कि जदयू एमएलसी के पुत्र रॉकी यादव को रोडरेज की चर्चित घटना में आजीवन कारावास की सजा से बरी कराने के लिए सरकार ने हाई कोर्ट में न पुख्ता सबूत दिये, न ठीक से पैरवी की. अब सरकार बताये कि मई 2016 में आखिर व्यवसायी आदित्य सचदेवा की हत्या किसने की थी? सुशील मोदी ने कहा कि सरकार क्यों नहीं कह रही है कि वह आदित्य सचदेवा की हत्या के मामले में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए वह सुप्रीम कोर्ट जायेगी.
सुशील मोदी ने कहा है कि एक तो सरकार अपने समर्थकों को कोर्ट से साफ बरी करवा दे रही है. वहीं, दूसरी ओर विधान सभा मार्च के दिन जब भाजपा कार्यकर्ता विजय सिंह की मृत्यु लाठीचार्ज से हुई, तब सरकार इसे हर्ट-अटैक बताने में लगी है. इसके लिए झूठी पोस्टमाटर्म रिपोर्ट भी जारी कर दी गयी है.
सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा नेता विजय सिंह की मौत के थोड़ी देर बाद ही जब पुलिस और सत्तारूढ़ दल घटना को हर्ट अटैक बताने लगे, तब किस मेडिकल आफिसर की हिम्मत थी कि सरकार की राय के विपरीत पोस्टमाटर्म रिपोर्ट देता. उन्होंने कहा कि यदि हिम्मत है तो नीतीश सरकार विजय सिंह की मृत्यु की जांच सीबीआई से कराये और रॉकी यादव को बरी किये जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे.