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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 05 Jul 2023 07:44:04 PM IST
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PATNA: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने विभागीय अपर मुख्य सचिव केके पाठक पर मनमानी का आरोप लगाते हुए उन्हें पीत पत्र भेजा है। केके पाठक और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बीच छिड़े संग्राम को लेकर सियासत गर्म हो गई है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि दोनों की लड़ाई में बिहार की शिक्षा व्यवस्था चौपट हो रह है।
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षा मंत्री और विभागीय प्रधान सचिव में डॉग फाइट करा कर नीतीश कुमार ने शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया। इन दोनों को पद से हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंत्री चंद्रशेखर कभी रामचरितमानस पर जातिवादी टिप्पणी करते हैं, तो कभी हवाई अड्डे पर उनके सामान में कारतूस बरामद होता है और कभी मीडिया में प्रचार पाने के लिए वे कुलाधिपति के समक्ष राजनीतिक भाषण करने लगते हैं। ऐसे शिक्षा मंत्री छात्रों को क्या संदेश देंगे?
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की बर्बादी के लिए लालू प्रसाद के एक बड़बोले विधायक का मंत्री बनना ही काफी था। ऊपर से मुख्यमंत्री ने कोढ में खाज की तरह एक बद्जुबान अफसर को इस विभाग का प्रधान सचिव भी बना दिया। उन्होंने कहा कि अब मंत्री और प्रधान सचिव की लड़ाई में दोनों स्तरों से तुगलकी फरमान जारी हो रहे हैं। दोनों एक-दूसरे को औकात बताने पर तुले हैं। एक पर लालू प्रसाद और दूसरे पर नीतीश कुमार का वरदहस्त है।
सुशील मोदी ने कहा है कि प्रधान सचिव की जुबान ही इस महकमे का कानून है। नीचे के अधिकारी सस्पेंड करने की धमकी और पैंट गीला करने जैसी गाली के बीच कैसे काम कर रहे हैं, इसका अनुमान लगाया जा सकता है। सरकार की विफलता के कारण राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में सत्र अनियमित है। स्नातक स्तर पर हजारों सीटें खाली रह जाएंगी। छात्र यहां दाखिला नहीं लेना चाहते। वहीं विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के 40 फीसद पद खाली पड़े हैं।