PATNA : बिहार विधान परिषद में आज लालू राबड़ी की चर्चा होते ही इस सदन में एक बार फिर बखेड़ा खड़ा हो गया. दरअसल बजट पर चर्चा के दौरान जेडीयू के एमएलसी तनवीर अख्तर ने लालू शासन की चर्चा की. जेडीयू एमएलसी ने कहा कि उनकी मां कहा करती थी कि बिहार में जंगलराज का दौर कैसा था. तनवीर अख्तर ने बोलते बोलते सदन में यह तक कह डाला कि अगर लालू यादव नीतीश कुमार के साथ रहते या उनकी बात मानते तो आज उनका यह हाल नहीं होता. तनवीर अख्तर का इतना कहना था कि सदन में आरजेडी के विधान पार्षद उठ खड़े हुए.
लेकिन तनवीर अख्तर यहीं नहीं रुके उन्होंने यहां तक कह डाला कि लालू यादव ने किसी समझदार व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाने की वजाय अपनी जगह पत्नी राबड़ी देवी को कुर्सी सौंप दी. जेडीयू एमएलसी के इस बयान के बाद सदन में काफी देर तक शोर शराबा होता रहा. आरजेडी के विधान पार्षद सुबोध राय, सुनील सिंह समेत अन्य सदस्य अपनी जगह पर उठ खड़े हुए और उन्होंने जेडीयू एमएलसी की बात पर आपत्ति जताई.
इस पूरे हंगामे और शोर-शराबे के बीच विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा की तरफ से सदन में दी जाने वाली सूचना लटक गई. प्रेमचंद्र मिश्रा आरजेडी के विधान पार्षदों की तरफ से किए जा रहे हंगामे के बीच कई बार अपनी बात रखने का प्रयास करते नजर आए लेकिन ऐसा नहीं हो सका. इस पूरे शोर-शराबे के बीच अचानक से मुकेश सहनी सदन में आ गए और फिर विपक्ष को खड़े-खड़े ही दूसरा सियासी मुद्दा मिल गया.
मुकेश सहनी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर विपक्ष सदन में हंगामा करता रहा, जिसके कारण सदन में सरकार की तरफ से चर्चा का जवाब भी मंत्री नहीं बोल सके और उसे सदन के पटल पर रखना पड़ा. इसके साथ ही विधानसभा की कार्यवाही कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह में सोमवार 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.