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1st Bihar Published by: Updated Fri, 06 May 2022 01:18:01 PM IST
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PATNA : नीतीश कुमार पिछले 16 साल से बिहार के मुख्यमंत्री हैं लेकिन आपको यह जानकर हैरत होगा कि अपनी ही सरकार की योजनाओं की जमीनी स्थिति क्या है? यह मुख्यमंत्री को नहीं मालूम। मुख्यमंत्री के सामने आज इसकी पोल बिहार के छात्रों ने ही खोल दी। सीएम नीतीश एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे और उन्होंने छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति राशि को लेकर चर्चा की, जिसपर छात्रों ने नीतीश के सामने ही बता दिया कि इस योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है। इसके बाद नीतीश कुमार भी अचरज में पड़ गए आइए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या हुआ। आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के भवनों का शिलान्यास करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में अब कई शिक्षण संस्थान खोले जा चुके हैं। हमने कृषि और पशु की पढ़ाई के लिए कई कॉलेज बनवाये। लोगों को पढ़ने के लिए भी प्रेरित किया। इसके बाद नीतीश कुमार ने कहा कि हमनें छात्रों को किताब लेने के लिए हर साल 6 हज़ार रूपये दिए। मुख्यमंत्री की यह बात सुनते ही समाने मौजूद छात्र भड़क गए।
सीएम नीतीश के सामने ही छात्रों ने कहा कि हमें किताब लेने के लिए 6 हज़ार रूपये नहीं मिले हैं। यह सुनकर नीतीश कुमार भी चौंक गए। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि छात्रों को ये राशि क्यों दी नहीं गई है। इस पर जवाब आया कि कोरोना के कारण छात्रों को ये लाभ नहीं मिल पाया है। सीएम नीतीश ने कहा कि ऐसा थोड़े होता है.. कोरोना है तो क्या?छात्रों को ये राशि दे देनी चाहिए थी। कोरोना के दौर में भी हमनें सबकी मदद की थी।
कोरोनाकाल में जो लोग बिहार के बाहर फंसे हुए थे, उनकी भी घाउ लौटने में हमनें मदद की। फिर स्टूडेंट्स को मिलने वाली ये राशि क्यों रोक दी गई। राज्य सरकार की ओर से ये राशि दे दिए गए हैं। इसे जल्द ही छात्रों तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की जानकारी ही नहीं कि स्टूडेंटन्स को पैसे नहीं दिए गए हैं। सबको जल्द ही मिल जाएगा।