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2024 में नीतीश के लिए ट्रंप कार्ड साबित होंगे PK, गिले-शिकवे हो सकते हैं दूर

1st Bihar Published by: Updated Sat, 14 Dec 2019 02:15:24 PM IST

2024 में नीतीश के लिए ट्रंप कार्ड साबित होंगे PK, गिले-शिकवे हो सकते हैं दूर

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PATNA : सिटिजन अमेंडमेंट बिल को लेकर पार्टी लाइन से अलग राय रखने वाले प्रशांत किशोर आज नीतीश कुमार से मुलाकात करने वाले हैं। प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी के फैसले का खुलकर विरोध किया था जिसके बाद राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह ने कड़े शब्दों में प्रशांत किशोर को लेकर प्रतिक्रिया दी। आरसीपी सिंह ने यहां तक कह डाला कि जिसे पार्टी का फैसला मंजूर नहीं वह बाहर का रास्ता तय कर ले। प्रशांत किशोर की नाराजगी को लेकर आरसीपी सिंह भले ही तल्ख दिखे लेकिन नीतीश कुमार ने पीके को बातचीत के लिए बुलाया है। विश्वस्त सूत्रों की माने तो नीतीश और प्रशांत किशोर के बीच आज होने वाली मुलाकात में सभी गिले-शिकवे दूर हो सकते हैं। 


2024 को ध्यान में रखकर होगा फैसला

प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार के बीच आज होने वाली मुलाकात को लेकर यह चर्चा हो रही है कि प्रशांत किशोर जेडीयू को अलविदा कह सकते हैं, हालांकि नीतीश पीके पर कोई भी फैसला मिशन 2024 को ध्यान में रख कर लेंगे। नीतीश कुमार को उनके करीबी पीएम मटीरियल बताते रहे हैं लेकिन नरेंद्र मोदी के जादू ने नीतीश का यह सपना तोड़ डाला। पहले 2014 और अब 2019 में नरेंद्र मोदी के आगे सब धराशाई हो गए। ऐसे में सबकी नजरें 2024 पर जा टिकी हैं। अगर वाकई ही नीतीश कुमार खुद को प्रधानमंत्री की कुर्सी के दावेदार के तौर पर 2024 में आगे रखना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें प्रशांत किशोर की दरकार होगी। खुद नीतीश कुमार इस बात को भलीभांति समझते हैं। ऐसे में नीतीश यह हरगिज नहीं चाहेंगे कि प्रशांत किशोर उनसे अलग हों। 



नीतीश की राह बना सकते हैं PK

2024 में लोकसभा का अगला चुनाव होना है। सियासी जानकार यह मानते हैं कि अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हुए तो बीजेपी के लिए अपना पिछला प्रदर्शन दोहराना आसान नहीं होगा। ऐसे में जेडीयू नीतीश कुमार को पीएम कैंडिडेट के तौर पर प्रोजेक्ट कर सकता है। हालांकि जनता दल यूनाइटेड का कद इतना बड़ा नहीं कि नीतीश अपने दम पर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंच पाएं।  ऐसे में जेडीयू को गैर बीजेपी और गैर कांग्रेस गठबंधन वाले क्षेत्रीय दलों के साथ की जरूरत पड़ेगी। प्रशांत किशोर नीतीश के लिए यह रास्ता तैयार करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।  प्रशांत किशोर की नज़दीकियां अलग-अलग राज्यों में जनाधार रखने वाले क्षेत्रीय दल के नेताओं से रही हैं।  ममता बनर्जी से लेकर उद्धव ठाकरे.. जगन रेड्डी से लेकर नवीन पटनायक और अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं को पीके इस बात के लिए तैयार कर सकते हैं की 2024 में नीतीश कुमार का चेहरा आगे किया जाए। इस आंकलन को देखते हुए कहा जा सकता है कि सिटिजन अमेंडमेंट बिल पर अपनी नाराजगी जताते हुए पार्टी लाइन का विरोध करने के बावजूद नीतीश कुमार प्रशांत किशोर को खुद से दूर नहीं जाने देंगे। 


पहले भी नीतीश ने PK में जताया है भरोसा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके सहयोगी प्रशांत किशोर के रिश्ते एक रफ्तार से चलते नहीं दिखे हैं। जेडीयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के बावजूद प्रशांत किशोर ने जब पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के लिए काम करने का फैसला किया तब खूब हाय तौबा मचा था। बीजेपी ने प्रशांत किशोर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था लेकिन नीतीश ने तब यह कहते हुए पीके का साथ दिया कि प्रशांत किशोर की कंपनी व्यवसायिक रूप से किसी के लिए भी काम कर सकती है। आपको बता दें कि ममता बनर्जी को लेकर विवादों में आए थे तब जेडीयू के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक के पहले उन्होंने नीतीश कुमार से वन टू वन मीटिंग कर ली थी। उस वक्त भी नीतीश कुमार को प्रशांत किशोर से नाराज बताया जा रहा था लेकिन घंटे भर की मुलाकात में पीके ने नीतीश की नाराजगी दूर कर दी थी। फिलहाल सबकी नजरें इन दोनों नेताओं के बीच होने वाली मुलाकात पर टिकी हुई हैं।