PATNA : देश में अगले कुछ महीनों बाद लोकसभा का चुनाव होना है। इसको लेकर न सिर्फ चुनाव आयोग बल्कि राजनीतिक पार्टी भी अपनी रणनीति बनाने में जुटी हुई है। लेकिन चाहे विपक्षी गठबंधन हो या फिर सत्तारूढ़ गठबंधन हर जगह बात सीट बंटवारे पर आकर फंसती हुई नजर आती है। ऐसे में अब एक बड़ी खबर एनडीए से निकलकर सामने आई है।
दरअसल, बिहार की राजनीति में गर्माहट के बीच एनडीए के नेताओं में सीट के बंटवारे को लेकर बातचीत शुरू हो गई है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा के तरफ से बिहार में सीट बंटवारे को लेकर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और नित्यानंद राय को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। यह लोग बिहार में एनडीए के सहयोगी दलों से सीट बंटवारे को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार बिहार में एनडीए के सबसे पुराने साथी यानी लोजपा पारस गुट के तरफ से इस बार 6 सीट पर चुनाव लड़ने की चाहत दिखाई जा रही है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि भाजपा उन्हें तीन लोकसभा सीट या दो लोकसभा एक राज्यसभा सीट देना चाहती है।
वही पीएम मोदी के हनुमान कहे जाने वाले चिराग पासवान ने भी अपनी पार्टी के लिए 6 सीटों की मांग रखी है। चिराग इससे पहले विश्व चादर 2019 के चुनाव में भी भाजपा के सामने 6 लोकसभा सीट और एक राज्यसभा सीट की मांग रखी थी। हालांकि चिराग की पार्टी को भाजपा ने तीन सीटों का प्रस्ताव दिया है।
भाजपा के सूत्र बताते हैं कि यहां सबसे बड़ी समस्या हाजीपुर सीट को लेकर आ रही है क्योंकि चिराग पासवान और पशुपति पारस दोनों ही रामविलास पासवान की विरासत यानी हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। ऐसे में भाजपा के लिए यह समस्या उत्पन्न हो गई है कि आखिर इस सीट पर किस उम्मीदवार बनाया जाए। इसको लेकर पार्टी के आलकमान दोनों नेताओं को समझाने बुझाने में लगे हुए हैं अब देखना है कि आखिर कैसे बात बनती है।
उधर कुछ दिन पहले नीतीश कुमार का साथ छोड़ एनडीए में आए कुशवाहा में भी चार सीटों पर अपनी दावेदारी पेश की है। कुशवाहा ने भाजपा के सामने करकट जहानाबाद सीतामढ़ी और झंझारपुर या सुपौल में से कोई भी एक सीट की दावेदारी जताई है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि भाजपा कुशवाहा को दो सेट देना चाहती है इससे पहले 2014 के गठबंधन में भी भाजपा कुशवाहा को तीन सीट दे चुकी है।
वहीं, जीतन मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अब हम मोर्चा ने दो लोकसभा सीटों पर अपने दावेदारी जताई है। लेकिन भाजपा के तरफ से उन्हें गया लोकसभा सीट और गीता रामायण जी को राज्यसभा का उम्मीदवार बनने पर विचार करने की बात कही है।
उधर पिछले कुछ दिनों से बिहार के मुख्यमंत्री और जड़ियों के अध्यक्ष नीतीश कुमार के रूप को लेकर भी राजनीतिक अटकालीन शुरू हो गई है चर्चा ऐसी है कि नीतीश कुमार वापस से भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि भाजपा नेता फिलहाल इसकी संभावना जानकारी कर चल रहे हैं। इसके इस बीच उनके अन्य सहयोगी भी अपनी एक गुट बनकर बैठक भी कर रहे हैं ताकि भाजपा के अंदर अपनी दावेदारी मजबूती से पेश कर सके।