PATNA: बिहार में विपक्ष से लेकर सत्ताधारी दल शराबबंदी को लेकर लगातार उठ रहे। सरकार के सहयोगी दलों के अलावा एनडीए में शामिल दल भी कह रहे हैं कि बिहार में शराबबंदी फेल हो चुकी है और सरकार से अगर शराबबंदी संभल नहीं रही है तो इसे वापस ले लेना चाहिए। इसी बीच बीजेपी सांसद और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने भी शराबबंदी को लेकर सरकार पर सवाल उठा दिया है। सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार सरकार की शराबबंदी नीति के कारण राज्य को हर साल 6 हजार करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है। इससे पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी कहा था कि नीतीश कुमार की जिद के कारण बिहार को हर साल करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
दरअसल, सुशील मोदी ने बिहार सरकार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी के उस बयान को लेकर सरकार को घेरा है जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार से पर्याप्त मदद नही मिलने की बात कही थी। सुशील मोदी ने कहा है कि शराबबंदी के कारण 6 हजार करोड़ रुपये के वार्षिक नुकसान के अलावा सभी राज्यों की जीएसटी क्षतिपूर्ति बंद होने से भी बिहार तीन-चार हजार करोड़ रुपये से वंचित होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के अहंकार, शराबनीति और टकराव की राजनीति के कारण विकास धीमा पड़ा है और आर्थिक चुनौतियां गंभीर हुई हैं। अब बजट का आकार छोटा करने की नौबत आ गई है।
उन्होंने कहा कि नीतीश पहले बिहटा, दरभंगा और पूर्णिया हवाई अड्डों के विस्तार के लिए जमीन उपलब्ध कराएं, उसके बाद राजगीर की बात करें। नीतीश सरकार को राजगीर की बात करने से पहले तीन हवाई अड्डों के विस्तारीकरण के लिए जमीन उपलब्ध करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहटा और पूर्णिया हवाई अड्डों का विस्तारीकरण एक साल में हो सकता है, जिससे सीमांचल में विकास की गति जल्द ही तेज हो सकती है।