नीतीश का ऐसा बंगला प्रेम: पटना के एक और आलीशान बंगले को सीएम हाउस में मिलाया, कितने घर में रहेंगे नीतीश?

नीतीश का ऐसा बंगला प्रेम: पटना के एक और आलीशान बंगले को सीएम हाउस में मिलाया, कितने घर में रहेंगे नीतीश?

PATNA : बाप-बेटे के दो सदस्यीय परिवार वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को रहने के लिए आखिरकार कितने सरकारी बंगले चाहिये. एक अण्णे मार्ग के एक मकान में मुख्यमंत्री रहते लालू यादव-राबड़ी देवी का भरा पूरा परिवार रहता था. नीतीश आये तो एक अण्णे मार्ग के आस-पास के मकानों को मुख्यमंत्री आवास में मिला लिया. अब सरकार ने नया आदेश निकाला. एक अण्णे मार्ग से दूरी पर अवस्थित एक बड़े आलीशान बंगले को भी सीएम हाउस में शामिल कर लिया गया है. ये बंगला सीएम आवास से दूर है लेकिन सरकार ने आदेश निकाला है कि अब ये सीएम हाउस में शामिल माना जायेगा. पटना के कई बंगलों के साथ साथ नीतीश कुमार के पास दिल्ली में भी आलीशान सरकारी बंगला है. 

गुपचुप निकाला गया आदेश

नीतीश के बंगले को लेकर ये आदेश 9 दिन पुराना है. 7 जून को बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने एक आदेश जारी किया था. इसमें कहा गया कि केंद्रीय भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता के पत्र के आलोक में 7 सर्कुलर रोड के सरकारी बंगले को स्थायी तौर पर एक अण्णे मार्ग यानि सीएम आवास का विस्तारित अंग बना दिया गया है. यानि सीएम आवास से दूरी पर अवस्थित 7 सर्कुलर रोड भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आवास माना जायेगा.

नीतीश का बंगला प्रेम

अब हम आपको पूरी कहानी समझाते हैं. दरअसल 7 सर्कुलर रोड का बंगला उस दौर में नीतीश कुमार के पास आया था जब वे कुछ दिनों के लिए कुर्सी छोड़ बैठे थे. बात 2014 की है. लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर जीतन राम मांझी को सीएम बनाया था. तब नीतीश कुमार ने पूर्व सीएम की हैसियत से अपने लिए 7, सर्कुलर रोड का बंगला आवंटित करा लिया था. 


पानी की तरह बहा पैसा

नीतीश जब इस बंगले में रहने गये तो सरकार ने बंगले को राजसी टच दिया. 7, सर्कुलर रोड के बंगले के बगल में निगरानी विभाग का कार्यालय चल रहा था. उसका बड़ा खाली हिस्सा 7, सर्कुलर रोड में मिला दिया गया. पूर्व सीएम की हैसियत से मिले बंगले में नीतीश के रहने के लिए बडे पैमाने पर निर्माण कार्य भी कराया गया. आखिरकार सरकारी खर्च पर 7, सर्कुलर रोड में पहले से बने बंगले को ध्वस्त कर दिया गया औऱ फिर नये सिरे से नया मकान ही बना दिया गया. सरकारी सूत्रों के मुताबिक वहां नीतीश कुमार के लिए इको फ्रेंडली बंगला बना दिया गया. 

सीएम बनने के बाद दो मकानों पर कब्जा

इसी बीच 2015 में नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बन गये. लिहाजा उनके पास सीएम के रहने के लिए तय एक अण्णे मार्ग का बंगला भी आ गया. नीतीश कुमार एक अण्णे मार्ग और 7, सर्कुलर रोड दोनों बंगले में एक साथ रह रहे थे. चार साल तक नीतीश दिन में एक अण्णे मार्ग तो रात में 7, सर्कुलर रोड के बंगले में रहते रहे. 


हाईकोर्ट के आदेश के बाद छोड़ना पड़ा था बंगला

इसी बीच 7 जनवरी 2019 को पटना हाईकोर्ट ने सरकारी बंगलों को लेकर सख्त टिप्पणी की थी. पटना हाईकोर्ट ने पूछा था कि आखिरकार किस आधार पर बिहार में पूर्व मुख्यमंत्री को बंगला आवंटित किया गया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि कैसे एक व्यक्ति के नाम पर दो-दो बंगले आवंटित कर दिये गये हैं. पटना हाईकोर्ट का जिस दिन फैसला आया उसी दिन की तारीख में सरकार ने एक अधिसूचना निकाली. नीतीश सरकार ने अधिसूचना निकाली कि पूर्व सीएम की हैसियत से मिले सरकारी बंगले को नीतीश कुमार छोड़ रहे हैं और वे एक अण्णे मार्ग में ही रहेंगे. 7, सर्कुलर रोड के बंगले को बिहार के मुख्य सचिव के नाम पर आवंटित कर दिया गया. हालांकि उस में भी एक पेंच डाल दिया गया. सरकार ने कहा कि मुख्यमंत्री के आवास एक अण्णे मार्ग की मरम्मत चल रही है लिहाजा नीतीश कुमार फिलहाल 7, सर्कुलर रोड के बंगले में ही रहेंगे.

मरम्मत का कारण देकर कुछ दिनों पहले शिफ्ट किया था

अब दिलचस्प खेल देखिये. इसी साल तकरीबन डेढ महीने पहले यानि अप्रैल के अंत में फिर से ये कहा गया कि बिहार के मुख्यमंत्री आवास यानि एक अण्णे मार्ग की मरम्मति की जा रही है. लिहाजा नीतीश कुमार उसी अस्थायी तौर पर उसी 7,सर्कुलर रोड के बंगले में रहने जा रहे हैं जिस पर पहले से इतना बखेड़ा हुआ था. उस बंगले को मुख्य सचिव के नाम पर आवंटित किया गया था लेकिन मुख्य सचिव आमिर सुबहानी किसी और बंगले में रह रहे थे. इसी बीच सरकार ने अधिसूचना जारी की कि मुख्य सचिव के लिए 6 स्ट्रैंड रोड का बंगला आवंटित होगा. इस बंगले को नीतीश कुमार के खास एमएलसी संजय कुमार सिंह उर्फ संजय गांधी के नाम पर आवंटित किया गया था लेकिन उसमें केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह रहते थे. इसी दौरान सरकार ने चुपके से एक और नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें 7 सर्कुलर रोड के बंगले को सीएम आवास का अंग बना दिया गया.


कितने बंगलों में रहेंगे नीतीश

हम आपको बता दें कि बिहार में लंबे अर्से से सीएम के लिए एक अण्णे मार्ग का बंगला तय है. इसी एक बंगले में लालू-राबड़ी अपने 9 बेटे-बेटियों के साथ तकरीबन 15 साल रहे. 2005 में नीतीश कुमार के सीएम बनने के बाद बारी बारी से आस पास के तीन बंगलों को सीएम आवास में मिला दिया गया. उसके अलावा राजकीय अतिथिशाला यानि स्टेट गेस्ट हाउस के एक बडे हिस्से को काट कर उसमें सीएम सचिवालय बना दिया गया. नीतीश कुमार ने पूर्व सीएम की हैसियत से 7,सर्कुलर रोड का बंगला अपने नाम आवंटित कराया. उसमें बगल के 6 सर्कुलर रोड के बंगले का बडा हिस्सा मिला दिया गया. 7,सर्कुलर रोड के बंगले के भवन को पूरी तरह से ध्वस्त कर वहां नया मकान बनाया गया. नीतीश कुमार के सीएम बनने के बाद सरकार ने अण्णे मार्ग को ही बंद कर दिया. उस इलाके में जो भी बंगले थे वे सीएम हाउस में शामिल कर दिये गये. 

पटना से दिल्ली तक बंगला

उधऱ नीतीश कुमार ने 2017 में बीजेपी से दोस्ती कर ली. उसके बाद केंद्र की सरकार ने उन्हें दिल्ली में 6, कामराज रोड का आलीशान बंगला उन्हें दे दिया. वह बंगला भी नीतीश कुमार के कब्जे में है. दिल्ली में बिहार के मुख्यमंत्री के रहने के लिए पहले से व्यवस्था थी. दिल्ली के बिहार निवास में मुख्यमंत्री के लिए बड़ा हिस्सा रिजर्व है, जिसमें कई कमरे और सूइट है. लेकिन नीतीश कुमार ने दिल्ली के बिहार भवन में भी मुख्यमंत्री का ठिकाना बनवाया. बिहार भवन के बडे हिस्से को घेर कर उसे नीतीश कुमार के लिए रिजर्व कर दिया गया है. उस हिस्से को सजाने-संवारने में भी बिहार सरकार का अच्छा खासा पैसा खर्च हुआ.