PATNA: बिहार में अतिपिछड़ा आरक्षण को लेकर निकाय चुनाव पर लगी रोक के खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में रिव्यू पेटिशन दायर किया है। बिहार सरकार की इस पुनर्विचार याचिका पर 19 अक्टूबर को सुनवाई होगी। बिहार सरकार के हाईकोर्ट में रिव्यू पेटिशन दायर करने पर बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने सरकार पर हमला बोला है। सुशील मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार हाई कोर्ट जाएं या सुप्रीम कोर्ट उन्हें कोई फायदा नहीं मिलने वाला है। जिस बेंच ने निकाय चुनाव पर रोक लगाई वह अपने फैसले को क्यों बदलेगी। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार एक सोची समझी रणनीति के तहत इस चुनाव को नहीं होने देना चाह रहे हैं। उन्होंने नीतीश से पूछा है कि आखिर कौन सा कारण है कि कल तक सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कर रही थी और आज फिर से हाईकोर्ट चली गई।
सुशील मोदी ने कहा है कि नगर निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों के आरक्षण के मुद्दे पर बिहार सरकार कल तक दावा कर रही थी कि हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट जाएगी लेकिन सरकार ने पटना हाई कोर्ट में रिव्यू पेटिशन फाइल कर दिया। हाई कोर्ट की जिस बेंच ने नगर निकाय चुनाव में ट्रिपल टेस्ट के मुद्दे पर बिहार सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया, उसी बेंच में सरकार ने रिव्यू पेटिशन दायर कर दिया। सुशील मोदी ने कहा कि इसका कोई परिणाम आने वाला नहीं है, जिस बेंच ने चुनाव पर रोक लगाया वह अपने आदेश को क्यों बदलेगी।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार ने न तो पटना हाई कोर्ट से कोई राहत मिलने वाली है और ना ही सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत मिलेगी। नीतीश कुमार का अतिपिछड़ा चेहरा बेनकाब हो गया है। नीतीश कुमार नहीं चाहते हैं कि बिहार में नगर निकाय का चुनाव हो। नीतीश कुमार को इस बात का डर है कि बीजेपी के लोग बड़ी संख्या में चुनाव जीतकर आ जाएंगे। नीतीश कुमार जब से महागठबंधन के साथ गए हैं उनको अतिपिछड़ों पर भरोसा नहीं है बल्कि एमवाई पर ज्यादा भरोसा है।
सुशील मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार को लगता है कि अतिपिछड़ा समाज के लोग बीजेपी के साथ चले गए हैं। नीतीश कुमार लंबे समय तक निकाय चुनाव को टालने की कोशिश करेंगे। यह भी हो सकता है कि नीतीश कुमार लोकसभा और विधानसभा चुनाव तक इस चुनाव को नहीं होने देंगे। ऐसे में बिहार के लोगों को सरकार के इस अतिपिछड़ा विरोधी चेहरे के खिलाफ में सड़क पर आने की जरूरत है। सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा है कि जब वे सुप्रीम कोर्ट जाने वाले थे तो आखिर क्या कारण है कि फिर से हाई कोर्ट में चले गए।