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1st Bihar Published by: Updated Sat, 17 Dec 2022 03:07:45 PM IST
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CHHAPRA: छपरा में जहरीली शराब पीने से अबतक 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि अब भी दर्जनों लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। लोजपा(रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान शनिवार को छपरा पहुंचे और मौत के शिकार हुए लोगों के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला। चिराग ने कहा है कि छपरा में लोगों की मौत नहीं हुई है बल्कि जहर पिलाकर उनकी हत्या की गई है और इसके लिए शराब माफिया के साथ साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी केस दर्ज होना चाहिए।
चिराग पासवान ने कहा है कि छपरा में 150 से अधिक लोगों को जहर पिलाकर उनकी हत्या की गई है। डेढ़ सौ लोगों की हत्या के बाद प्रशासन ने पूरे मामले की लीपापोती की। शराब से हुई मौतों के बाद पुलिस और प्रशासन के लोगों का मृतक के परिजनों पर तुरंत दाह संस्कार करने का दबाव बनाया गया और यह सब इसलिए किया गया कि सच्चाई को छिपाया जा सके। सदर अस्पताल से अपने मृतकों की डेड बॉडी को ले जाने के लिए परिजनों को पैसे देने पड़े। बिहार में जिस तरह से पूरा सरकार तंत्र काम कर रहा है, यह उसका जीता जागता उदहारण है।
लोजपा(रामविलास) के सुप्रीमो ने कहा कि छपरा में मानवता को शर्मसार किया गया। इससे अधिक शर्मसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान है जिसमें उन्होंने कहा कि जो पिएगा वो मरेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में खड़ा होकर बोला कि जो पिएगा वो मरेगा। चिराग ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि जो पिएगा वो मरेगा और जो पिलाएगा वो मौज करेगा। जो लोग जहरीली शराब बेंच रहे हैं वो मौज कर रहे हैं और गरीब-पिछड़े लोग जेलों में बंद हैं। दूसरे प्रदेशों में बिहार शराब लाने वाले लोगों को संरक्षण दिया जा रहा है। विधानसभा में मुख्यमंत्री कहते हैं कि मरने वालों के साथ कोई हमदर्दी नहीं करनी है।
चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार ने महिलाओं के कहने पर बिहार में शराबबंदी कानून को लागू किया था लेकिन मुख्यमंत्री को देखना चाहिए कि जिन महिलाओं के लिए उन्होंने शराबबंदी लागू कि आज उसी शराबबंदी ने उनके सुहाग को उजाड़ दिया। छोटे-छोटे बच्चे अनाथ हो गए हैं, क्या उनके साथ किसी प्रकार की हमदर्दी सीएम को नहीं है। शराब पीने वाले दोषी हैं लेकिन मरने वालों के परिवार का इसमें क्या दोष है। मरने वाले लोग अगर सीएम के परिवार के होते तो क्या तब भी मुख्यमंत्री यही कहते कि उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। बिहार के लोग नीतीश कुमार के परिवार के नहीं है, इसलिए उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया है।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार आज जिस अहंकार में बोल रहे हैं वहीं अहंकार उन्हें एक दिन ले डूबेगा। उन्होंने कहा कि कल को सीएम यह भी कह सकते हैं कि जो सड़क पर चलेगा वह हादसे में मरेगा। 2016 में बिहार में शराबबंदी कानून लागू हुआ लेकिन आठ साल बाद भी सरकार उस कानून का सख्ती से पालन नहीं करा सकी है। शराबबंदी के बावजूद बिहार में कैसे शराब बिक रही है मुख्यमंत्री को इसका जवाब देना होगा। विपक्ष जब आवाज उठाता है तो उल्टे उसे ही दोषी बताने लगते हैं और स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं कि बिहार में शराब बिकती है। चिराग ने कहा कि बिहार में शराब की होम डिलीवरी हो रही है, यह सभी को पता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराब के गोरखधंधे में लिप्त हैं। नीतीश कुमार के ऊपर भी केस दर्ज होना चाहिए।